इस्तांबुल। चीन की सरकार वहां रहने वाले उइगर समुदाय के लोगों पर बहुत नजदीकी से निगाह रखने के लिए भावनात्मक हथकंडे तक अपनाने में नहीं हिचक रही है. यहां रह रही हलमुरात इदरीस के पास एक फोटोग्राफ है, जिसमें उसकी 39 साल की बहन के साथ एक उम्रदराज महिला भी खड़ी है, जिसे वो नहीं जानती कि वह कौन है. इस फोटोग्राफ में उसकी बहन में नीचे की तरफ लिखा है, ‘देखिए, मुझे एक चीनी हान मां मिल गई है.’ हान चीन का एक समुदाय है.
इदरीस, फोटोग्राफ में दिख रही महिला पर शक जाहिर करती हुई कहतीं हैं कि यह बूढ़ी महिला कोई और नहीं बल्कि एक जासूस है, जिसे चीन सरकार ने भेजा है ताकि वह उसके परिवार में घुसकर जानकारियां हासिल कर सकें. उसके जैसे कई और लोग चीनी सरकार ने इस समदुाय में भेज दिये हैं.
इसकी पुष्टि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के आधिकारिक समाचारपत्र में भी यह कह कर की गई है कि सितम्बर के अंत तक 11 लाख सरकार के कर्मचारियों को अल्पसंख्यकों के शयनकक्षों, खाना खाने की जगहों और मुस्लिम पूजास्थलों में भेज दिया दिया गया है. शादी, शवयात्रा और अन्य अवसर जो निजी समझे जाते हैं उनमें तक उनका प्रवेश करा दिया गया है.
यह सब चीन के सुदरवर्ती पश्चिमी क्षेत्र शिनजियांग में हो रहा है. यह इलाका मुस्लिम बहुल है और ये लोग तुर्की भाषी उइगूर समुदाय के हैं. ऐसी खबरें अक्सर आती हैं कि चीन सरकार इस समुदाय के साथ भेदभाव बरत रही है.
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के शासनकाल में उइगर पर कड़ी निगाह रखी जा रही है. सड़कों के नाकों पर संगीनधारी तैनात हैं और उनके पास चेहरे की पहचान करने में सक्षम सीसीटीवी उपकरण हैं. उइगर समुदाय के लोगों का कहना है कि उन्हें अपने घरों के भीतर भी सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की तेज निगाहों के सामने रहना होगा.