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राजस्थान: 8वीं फेल 16 उम्मीदवार नहीं लड़ सकते सरपंच का चुनाव, लेकिन विधानसभा में ठोक रहे ताल

जयपुर। राजस्थान के विधानसभा चुनाव में जहां एक ओर सभी राजनीतिक दलों की सियासत अपने चरम पर है वहीं प्रदेश में चुनाव जुड़ी कई दिलचस्प बातें निकलकर सामने आ रही है. इसी क्रम में यह बात भी सामने आई कि यदि विधानसभा चुनाव में सरपंच का चुनाव लड़ने वाले नियम लागू हो जाए तो 16 उम्मीदवारों को चुनाव लडने का मौका नहीं मिल पाएगा क्योंकि सरपंच चुनाव में आठवी पास होना जरूरी है.

वहीं विधानसभा का चुनाव लड़ रहे 16 उम्मीदवार ऐसे है जो सरंपच का चुनाव नहीं लड सकते. ये सभी उम्मीदवार आठवी पास नहीं है. इसमें बीजेपी के 6 उम्मीदवार ऐसे हैं जो सिर्फ हस्ताक्षर करना जानते हैं. कांग्रेस के भी चार उम्मीदवार इसी दायरे में आते हैं. बीजेपी के आठ और कांग्रेस का एक उम्मीदवार ऐसा है जो आठवीं कक्षा की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाए.

संगरिया से बीजपी प्रत्याशी गुरदीप सिंह, डूंगरपुर से ताराचंद, नीम का थाना से प्रेम सिंह बाजौर, सपोटरा से गोलमा देवी, जैसलमेर से सांग सिंह भाटी और आसींद से जब्बर सिंह पांचवीं तक शिक्षा भी नहीं पा सके, ये महज साक्षर हैं. कांग्रेस के धोद से उम्मीदवार परसराम मोरदिया, बगरू से गंगा देवी, मसूदा से राकेश पारीक और शिव से अमीन खां भी सिर्फ हस्ताक्षर करना जानते हैं.

सूरसागर से भाजपा प्रत्याशी सूर्यकांता व्यास, धरियावद से गौतम लाल, पोखरण से प्रतापपुरी, मेड़ता से भंवराराम पांचवीं तक पढ़े हैं. वहीं तिजारा से संदीप दायमा छठी और सुमेरपुर से जोरा राम सातवीं तक पढ़े हैं. डग से बीजेपी प्रत्याशी कालूराम, छबड़ा से प्रतापसिंह सिंघवी, बाड़ी से जसवंत सिंह, सांचौर से दानाराम, बांसवाड़ा से हरकू माईका, पिंडवाड़ा से समाराम आठवीं तक पढ़े हैं. वहीं बयाना से कांग्रेस उम्मीदवार अमरसिंह और करौली से दर्शन सिंह भी आठवीं पास ही हैं.

दूसरी ओर बाड़ी से कांग्रेस प्रत्याशी गिर्राज सिंह मलिंगा, कुशलगढ़ से बीजेपी के भीमा भाई और गोगुंदा से प्रतापलाल भील ने विधायक रहते दसवीं पास की है. विधायक रहते मलिंगा ने 2016 में यूपी बोर्ड और भीमा भाई ने 2015 में झारखंड ओपन स्कूल और प्रतापलाल भील ने ओपन बोर्ड से 10वीं पास की है. सागवाड़ा से बीजेपी उम्मीदवार शंकरलाल ने 2016 में दसवीं और आसपुर से कांग्रेस प्रत्याशी राईया ने इसी साल 12वीं पास की है.

वहीं 2013 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो 6 विधायक ऐसे थे जो केवल हस्ताक्षर करना जानते थे. जबकि 8 विधायक पांचवी पास थे. साथ ही आठवीं पास विधायकों की संख्या 14 थी. गौरतलब है कि 7 दिसंबर को प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे.

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