ब्यूनस आयर्स। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां जी-20 शिखर सम्मेलन के शुक्रवार को शुरू होने से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे से बातचीत की. पीएम मोदी, ट्रंप और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच शुक्रवार देर रात को पहली त्रिपक्षीय बैठक से पहले यह बातचीत हुई.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर में पीएम मोदी, डोनाल्ड ट्रंप से हाथ मिलाते हुए और अमेरिकी राष्ट्रपति से बात करते हुए देखे गए. प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से भी बातचीत की.
रवीश कुमार ने पुतिन, इटली के प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंते और ब्रिटिश प्रधानमंत्री के साथ मोदी की बातचीत का जिक्र करते हुए कहा,‘लीडर्स लाउंज में रूस, इटली और ब्रिटेन के नेताओं से बात हुई.’ इससे पहले, मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिपिंग, सऊदी अरब के वली अहद मोहम्मद बिन सलमान और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस से अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें की.
‘संयुक्त राष्ट्र के आतंकरोधी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए काम करने की जरूरत’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि विश्व आतंकवाद और कट्टरपंथ की बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है. ब्रिक्स और जी-20 देशों के साथ मिलकर काम करने को रेखांकित करते हुए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के आतंकरोधी ढांचे को मजबूत बनाने पर जोर दिया ताकि आतंकवादियों के नेटवर्क, वित्तपोषण और गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके.
अर्जेंटीना में जी-20 सम्मेलन के इतर ब्रिक्स देशों के नेताओं की औपचारिक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों के खिलाफ, जो वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए बड़ा खतरा पैदा कर रहे हैं, भी मिलकर काम करने को कहा.
न्होंने कहा ‘हम सब इस पर सहमत हैं कि आतंकवाद और कट्टरपंथ सबसे बड़ी चुनौतियां हैं, जिनका विश्व आज सामना कर रहा है. ये केवल शांति और सुरक्षा के लिए ही खतरा नहीं हैं, बल्कि आर्थिक विकास के लिए भी चुनौती हैं.’