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सहवाग के नाम पर निकला ऐसा विज्ञापन, तो वीरू ने कहा झूठा है ये

टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की लोकप्रियता सक्रिय क्रिकेट से रिटायर होने के बाद भी कायम है. हालाकि इन दिनों वे टी10 लीग में खेलते नजर आ रहे हैं. वे सोशल नेटवर्किंग पर सबसे ज्यादा लोकप्रिय क्रिकेटर्स में से एक हैं. लोग भी उनसे जुड़ने के लिए बेताब दिखते हैं. हाल ही में आसींद में एक रैली के गुरुवार को आयोजित होने का विज्ञापन निकाला गया था जिसमें सहवाग के आने का जिक्र था. सहवाग ने ट्वीट कर इसे गलत बताया है.

इन दिनों भारत के किसानों में अपनी हालत में सुधार न होने पर बहुत रोष है. देशभर से बड़ी संख्याओं में आए किसानों ने शुक्रवार को नई दिल्ली में बहुत बड़ा मोर्चा निकाला. ये किसान कृषि संकट से निपटने के लिये कानून बनाने की मांग को लेकर रामलीला मैदान में गुरूवार से डेरा डाले थे. हजारों किसानों की शुक्रवार को संसद मार्च की कोशिश भी की. इसके पहले भी देश में कई जगहों पर किसान सभाओं का आयोजन हुआ. इसी तरह की एक किसान रैली का विज्ञापन पिछले दिनों छपा जिसमें सहवाग के आने की बात लिखी थी.

राजस्थान में भीलवाड़ा के आसींद का है मामला
राजस्थान में इन दिनों चुनाव प्रचार चल रहा है जहां आगामी 7 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. राज्य के भीलवाड़ा जिले के आसंदी में पिछले गुरुवार 29 नवबंर को एक विशाल किसान सम्मेलन के आयोजन किए जाने का विज्ञापन छपा था. इस विज्ञापन में कहा गया था कि भीलवाड़ा के आसींद में एक विशाल किसान सभा का आयोजन  होने जा रहा है. क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग भी होंगे.

सहवाग ने ट्वीट कर किया खंडन
सहवाग ने इस विज्ञापन पर दो ट्वीट किए हैं. एक हिंदी और एक अंग्रेजी में. सहवाग ने कहा है, “झूठा अलर्ट- मैं दुबई में हूँ और इनमें से किसी व्यक्ति से कभी सम्पर्क नहीं हुआ! जब ये लोग बेशर्मी से अपने कैम्पेन के नाम पर मेरा नाम धोखाधड़ी से इस्तेमाल कर लोगों को बेवक़ूफ़ बना सकते हैं, तो अंदाज़ा लगाया जा सकता है की यदि यह कहीं जीत गए तो कितना बेवक़ूफ़ बनाएँगे ! झूठों से सावधान!”

Virender sehwag on Fake ad

देश भर के किसान जमा हैं दिल्ली में
इन दिनों दिल्ली में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले रामलीला मैदान से संसद मार्च कर रहे किसान आंदोलनकारी अब संसद मार्ग थाने पर ही सभा कर रहे हैं. बताया गया है कि लगभग 24 राज्यों के किसान एवं अन्य सामाजिक संगठनों ने किसानों को कर्ज मुक्त कराने और उपज का डेढ़ गुना मूल्य दिलाने के लिये कानून बनाने की मांग को लेकर दो दिवसीय आंदोलन आयोजित किया है.

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