पटना। विधि एवं न्याय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की 134वीं जयंती पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू नहीं चाहते थे कि राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति बनें, यहां तक कि राजेंद्र प्रसाद की अंतिम यात्रा पर भी पंडित नेहरू नहीं आए थे.
साथ ही रविशंकर प्रसाद ने ये भी कहा है कि राजेंद्र प्रसाद का अंतिम संस्कार भी राष्ट्रीय सम्मान के साथ नहीं किया गया. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि राजेंद्र प्रसाद और सरदार पटेल को जिस ताकत ने सम्मान नहीं किया उसी ताकत ने राजेंद्र स्मृति स्थल को भी नहीं विकसित होने दिया.
डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर रविशंकर प्रसाद ने यह घोषणा करते हुए कहा कि राजेन्द्र प्रसाद स्मृति स्थल के विकास के लिए वो अपने फंड से एक करोड़ रूपए देंगे. आपको बता दें कि पटना के राजेन्द्र स्मृति संग्रहालय में जयंति समारोह का आयोजन किया गया जिसमें केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और डिप्टी सीएम सुशील भी मौजूद थे.
इस कार्यक्रम के दौरान राजेंद्र प्रसाद की पोती तारा सिन्हा ने कहा कि राजेंद्र प्रसाद को सभी सरकारों ने नजरअंदाज किया. नई सरकार से हमें उम्मीद थी लेकिन हमें निराशा हाथ लगी. विद्यापीठ में राजेंद्र बाबू की इतनी यादें जुड़ी हुई हैं लोग ये जानते तक नहीं हैं.
साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हुए कहा कि बिहार में आज का दिन मेधा दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन केंद्र सरकार ने ध्यान नहीं दिया. हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार भी राष्ट्रीय स्तर पर मेधा दिवस के रूप में मनाए.