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मध्य प्रदेश: ईवीएम के स्ट्रॉन्ग रूम में कार से मारी टक्कर, बोले- अभी करो गिनती

सतना/भोपाल। मध्य प्रदेश के सतना ज़िले में ईवीएम के लिए बने स्ट्रॉन्ग रूम में स्कॉर्पियो सवार युवकों ने टक्कर मारी. गेट नहीं टूटा तो युवकों ने दोबारा टक्कर मारी. इससे बाउंड्रीवाल का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है.

पुलिस ने इस संबंध में दो लोगों को गिरफ़्तार किया है, जबकि चार अन्य मौके से फ़रार हो गए हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की ख़बर के अनुसार, इस स्ट्रॉन्ग रूम की दीवार का एक हिस्सा बीते 30 नवंबर को भी क्षतिग्रस्त मिला था.

टाइम्स आॅफ इंडिया से बातचीत में कोतवाली पुलिस स्टेशन के प्रभारी विद्याधर पांडेय ने बताया, ‘एक काली महिंद्रा स्कॉर्पियो कार, जिसका नंबर एमपी 19 सीबी 0505 है, को घटना वाली रात ज़ब्त कर लिया गया और दो आरोपियों प्रमोद यादव और रुद्र कुशवाहा को हिरासत में ले लिया गया.’

पुलिस ने बताया कि चार फ़रार आरोपियों में शैलेश कुशवाहा, सानू कुशवाहा, सत्यव्रत सिंह उर्फ प्रिंस और एक अन्य शामिल हैं.

पांडेय ने बताया, ‘पकड़े गए दोनों आरोपी नशे की हालत में थे और पूछताछ में बताया कि वे लोग ईवीएम वाले कमरे की मज़बूती जांचना चाहते थे.’ दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों युवक तुरंत वोटों की गिनती करने की ज़िद कर रहे थे.

रिटर्निंग अफसर और सतना के एसडीएम सीएस त्रिपाठी के रिपोर्ट के अनुसार, आचार संहिता के उल्लंघन के अलावा अन्य मामलों के तहत मामला दर्ज़ कर दोनों को जेल भेज दिया गया है और चार फ़रार आरोपियों की तलाश जारी है.

इस बीच कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं ने घटना के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर मांग की है कि ईवीएम जहां भी रखे हुए हैं उसकी सुरक्षा में सख़्ती होनी चाहिए.

मालूम हो कि मध्य प्रदेश में ईवीएम से जुड़ी गड़बड़ियों को मुद्दा कांग्रेस लगातार उठा रही है. प्रदेश के खुरई विधानसभा क्षेत्र से काफी संख्या में सागर पहुंचाई गईं संदिग्ध ईवीएम को लेकर यह बवाल शुरू हुआ है. आरोप है कि बीते 28 नवंबर को मतदान ख़त्म होने के 48 घंटे बाद यानी 30 नवंबर को ये ईवीएम सागर पहुंचाई गई थीं.

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि ये मशीनें खुरई विधानसभा क्षेत्र से आई हैं, जहां से प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. जिस वाहन में ये मशीनें पहुंचीं, उस पर नंबर भी नहीं है, इसलिए संदेह हो रहा है.

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चुनाव में गड़बड़ी की मंशा से यह मशीनें गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के दीपाली होटल में लाकर रखी हुई थीं और यहां से उनमें गड़बड़ी करते हुए गुपचुप ढंग से स्ट्रॉन्ग रूम में जमा कराया जा रहा था.

इधर, राजधानी भोपाल के विधानसभा क्षेत्रों की ईवीएम मशीनों को पुरानी जेल के परिसर में रखा गया है, मगर शुक्रवार की सुबह अचानक स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर लगी एलईडी अचानक बंद हो जाने से हड़कंप मच गया.

यहां सीसीटीवी कैमरे बंद होने की भी शिकायत मिली थी, जिसकी पुष्टि चुनाव आयोग ने भी की थी.

इसके बाद सतना के स्ट्रॉन्ग रूप में रात से समय कथित तौर अज्ञात बक्से रखने की भी शिकायत मिली थी.

एक ट्वीट में कांग्रेस ने कहा था, ‘खुरई के बाद अब सतना स्ट्रॉन्ग रूम के भीतर अज्ञात बक्से ले जाने के वीडियो फुटेज सामने आए हैं. क्या निर्वाचन की निष्पक्षता अब सत्तासीन भाजपा के आगे लाचार और बेबस है? निर्वाचन की निष्पक्षता और लोकतंत्र की महत्ता बनाए रखने के लिये दोषियों पर सख़्त कार्यवाही अपेक्षित है.

बहरहाल इन घटनाओं के बीच मुख्य चुनाव पदाधिकारी ने कहा है कि मध्य प्रदेश के सभी ज़िलों में बने स्ट्रॉन्ग रूम में रखे ईवीएम सुरक्षित हैं.

सभी ज़िलों में बने स्ट्रॉन्ग रूमों में ईवीएम सुरक्षित: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी

मतदान के बाद स्ट्रॉन्ग रूमों में रखी गई ईवीएम मशीनों की सुरक्षा को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांता राव ने कहा कि प्रदेश के सभी ज़िलों में बने स्ट्रॉन्ग रूमों में सभी ईवीएम सुरक्षित हैं और इन्हें तीनस्तरीय सुरक्षा एवं सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रखा गया है.

राव ने भोपाल में संवाददाताओं को बताया, ‘जिन ईवीएम को 28 नवंबर को मतदान में उपयोग किया गया था, उन्हें मतदान के पश्चात से लेकर 29 नवंबर की सुबह तक प्रदेश के ज़िला मुख्यालयों पर आब्ज़र्वर, प्रत्याशियों एवं अन्य अधिकारियों के सामने सील किया गया था और मतगणना के दिन 11 दिसंबर को उन्हीं के सामने खोला जाएगा.’

उन्होंने कहा, ‘मतदान के बाद सभी ईवीएम को ज़िलों में बने स्ट्रॉन्ग रूमों में रखा गया है. सभी ईवीएम सुरक्षित हैं और उन्हें डबल लॉक में रखा गया है. इन्हें सील एवं पूरी सुरक्षा में रखा गया है और इनके लिए तीन स्तरीय सुरक्षा होती है, जिसमें केंद्रीय सुरक्षा बल, स्टेट आर्म्स फोर्स एवं स्थानीय पुलिस शामिल हैं. इसके अलावा, वहां सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं, ताकि पता चल सके वहां कौन-कौन आ रहे हैं.’

राव ने कहा कि इसके अलावा, सभी ज़िलों में जहां स्ट्रॉन्ग रूप बनाए गए हैं, वहां पर प्रत्याशियों के लिए टेंट लगाकर बैठने की व्यवस्था भी की गई है.

उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी जगह हैं, जहां पर स्ट्रॉन्ग रूम को नज़र से देखने में दिक्कत आती है, वहां पर सीसीटीवी एवं एलईडी स्क्रीन से देखने की व्यवस्था की गई है और निश्चित समय पर प्रत्याशियों को लेकर भ्रमण भी करवाते हैं.

राव ने बताया, ‘सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत किसी को भी वहां मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं है. कलेक्टर पर भी यह लागू होता है.’

सागर एवं खरगौन सहित कुछ स्थानों पर ईवीएम के देरी से पहुंचाने के मामले में उठे सवालों पर उन्होंने कहा, ‘वे ईवीएम रिज़र्व वाली थीं और उनका उपयोग मतदान में नहीं किया गया. हमने प्रत्याशियों को मतदान में उपयोग की जाने वाली ईवीएम का सीरियल नंबर पहले ही दे दिया था और इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट सौंप दी है.’

उन्होंने कहा कि जिन मशीनों का मतदान में उपयोग नहीं किया गया, उन्हें अलग गोदाम में रखा गया है. वहां भी सुरक्षा बल तैनात हैं.

एक सवाल के जवाब में राव ने बताया कि ईवीएम के देरी से पहुंचने सहित विभिन्न शिकायतों पर तीन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है और 10 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

वहीं, दूसरी ओर मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मंगलवार को ईवीएम की सुरक्षा को लेकर निरंतर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से सामने आ रही गड़बड़ियों के मामले को लेकर दिल्ली में मुलाकात करेगा.

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