ओवल में चल रहे भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट में टीम इंडिया की लड़खड़ाती बल्लेबाजी के बीच चेतेश्वर पुजारा के शतक के दम पर 250 रन का सम्मान जनक स्कोर कड़ा कर लिया. इस मैच में पुजारा ने 246 गेंदों की पारी में 123 रन बनाए. उन्होंने पहले धीमी बल्लेबाजी की और आखिरी में तेजी से रन भी बनाए बनाए. मैच के बाद पुजारा ने स्वीकार किया कि मेजबान के खिलाफ टीम के टॉप आर्डर को बेहतर बल्लेबाजी करनी चाहिए थी.
पहले दो सत्र में हुई बढ़िया गेंदबाजी
पुजारा के 16वें टेस्ट शतक और आस्ट्रेलिया में पहले शतक की बदौलत भारत ने उबरते हुए स्टंप तक नौ विकेट पर 250 रन बनाए जबकि एक समय टीम छह विकेट पर 127 रन बनाकर जूझ रही थी. उन्होंने कहा, ‘‘हमें बेहतर बल्लेबाजी करनी चाहिए थी लेकिन पहले दो सत्र में उन्होंने भी अच्छी गेंदबाजी की. मैं जानता था कि मुझे धैर्य बरतना चाहिए और लूज गेंदों का इंतजार करना चाहिए. जिस तरह से उन्होंने गेंदबाजी की, वो सही लाइन एवं लेंथ में थी. मुझे भी लगा कि हमारे टॉप ऑर्डर को बेहतर बल्लेबाजी करनी चाहिए थी लेकिन वे भी गलतियों से सीख लेंगे.’’
दूसरी पारी में करेंगे बेहतर बल्लेबाजी
पुजारा ने कहा, ‘‘उम्मीद करते हैं कि हम दूसरी पारी में अच्छी बल्लेबाजी करेंगे. जहां तक मेरी पारी का संबंध है तो मैं अच्छी तरह तैयार था तथा आज मेरा प्रथम श्रेणी और टेस्ट क्रिकेट का अनुभव काम आया.’’ पुजारा ने अंत में आर अश्विन और इशांत शर्मा के साथ अहम भागीदारी निभाई, तब आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज थक गए थे. उन्होंने कुछ अच्छे शाट खेलकर भारत को प्रतिस्पर्धी स्कोर तक पहुंचाया. उन्होंने कहा कि विकेट बल्लेबाजी के लिए आसान नहीं था और उन्हें अपने शाट खेलने के लिए काफी समय की जरूरत थी.
निचले क्रम के साथ बल्लेबाजी पर
पुजारा ने कहा, ‘‘जब आप पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ बल्लेबाजी करते हो तो आप नहीं जानते कि वे कितनी देर तक बल्लेबाजी कर सकते हैं. आपको बीच बीच में जोखिम लेकर मौकों का फायदा उठाना होता है लेकिन जब आप टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों के साथ खेल रहे होते हो तो आप ऐसा नहीं कर सकते. जब आप एक या दो स्थान नीचे खेलते हो तो आप इस तरह के शॉट नहीं खेल सकते. ’’ पुजारा ने रोहित के साथ 45, पंत के साथ 41, अश्विन के साथ 62 ईशांत शर्मा के साथ 21 और मोहम्मद शमी के साथ 60 रनों साझेदारी की.
Cheteshwar Pujara produced one of his finest Test knocks to start the #AUSvIND series! pic.twitter.com/tpblry4GQ6
— cricket.com.au (@cricketcomau) December 6, 2018
रन आउट के बारे में
उन्होंने अपने रन आउट होने के बारे में (जो दिन की अंतिम गेंद भी थी) कहा, ‘‘साथ ही अंतर यह है कि मैंने दो सत्र तक बल्लेबाजी की और मैं जानता था कि पिच कितनी तेज है और इस पर कितना उछाल है. मैं जम गया था, इसलिए ही अपने शाट खेल सका. मैं थोड़ा निराश था लेकिन मुझे वो एक एक रन भी लेने थे क्योंकि केवल दो गेंद बची थी और मैं स्ट्राइक पर रहना चाहता था. मैंने जोखिम उठाया लेकिन पैट कमिंस ने शानदार क्षेत्ररक्षण किया. ’’
Mitchell Starc is pretty confident he’ll be hearing PLENTY more about Usman Khawaja’s catch and Pat Cummins’ run out! #AUSvIND pic.twitter.com/4Cz65tJoa6
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अपने शतक के बारे में
पुजारा को लगता है कि परिस्थितियों को देखते हुए पहली पारी में 250 रन का स्कोर अच्छा है. पुजारा ने अपनी पारी के बाद कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरूआती टेस्ट में उनकी धैर्य से खेली गई शतकीय पारी लंबे प्रारूप में लगाए गए उनके 16 सैकड़ों में शीर्ष पांच में शामिल होगी. पुजारा ने इस साल विदेशी सरजमीं पर दूसरा शतक जड़ा है, इससे पहले उन्होंने इंग्लैंड में साउथम्पटन में सैकड़ा जमाया था. उन्होंने कहा, ‘‘यह (गुरूवार की पारी) टेस्ट क्रिकेट में मेरी शीर्ष पारियों में से एक है लेकिन साथी खिलाड़ी इसकी प्रशंसा कर रहे थे और वे कह रहे थे कि यह सर्वश्रेष्ठ में से एक थी. ’’
भारतीय पिचों पर ज्यादा प्रभावी हूं
पुजारा ने 246 गेंद में 123 रन बनाकर भारत को यहां मौजूदा टेस्ट में मुश्किल से निकालने में मदद की. इस 30 साल के खिलाड़ी ने कहा कि हालांकि उनके 16 में से ज्यादातर (10) सैकड़े घरेलू मैदान पर बने हैं, लेकिन इससे यह नहीं लगता कि वह भारतीय पिचों पर ज्यादा प्रभावी है. पुजारा के केवल तीन शतक ही उप महाद्वीप से बाहर बने हैं. उन्होंने कहा, ‘‘लोग हमेशा कहते हैं कि मैंने भारत में ज्यादा रन जुटाए हैं. लेकिन साथ ही आपको यह भी देखना होगा कि हम भारत में कितने मैच खेलते हैं. अगर हम भारत में ज्यादा मैच खेलते हैं तो निश्चित रूप से मैं वहीं ज्यादा रन बनाऊंगा.’’