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क्या CM योगी बन गए हैं BJP का राष्ट्रीय चेहरा? 5 राज्यों के चुनाव रिजल्ट से होगा साफ

लखनऊ। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम आने में जहां कुछ घंटे ही बाकी हैं ऐसे में सबका ध्यान इस ओर है कि कहां किसकी सरकार बनती है. एक्ज़िट पोल के आंकड़े सामने आ चुके हैं और ऐसे में इन आंकड़ों के आधार पर पार्टियां अपनी अपनी जीत के दावे भी कर रही हैं. इस बीच एक आंकड़ा और सामने आया है, वह है उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की चुनावी रैलियों का. तेज़ी से उत्तर प्रदेश के बाहर भी बीजेपी के एक बड़े स्टार प्रचारक बनते जा रहे सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन विधानसभा चुनाव में 5 राज्यों में पार्टी के लिए ज़बरदस्त प्रचार किया. सीएम योगी ने चुनाव में “अली और बजरंगबली” से लेकर “दलित हनुमान” तक की सुर्खियां पैदा कीं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 4 राज्यों में कुल 74 चुनावी सभाओं को संबोधित किया है.

सीएम योगी आदित्यनाथ की चुनावी रैलियों के आंकड़ों को विस्तार से देखा जाए तो सीएम योगी ने सबसे ज्यादा सभाएं राजस्थान में की हैं. राजस्थान में सीएम योगी आदित्यनाथ ने 26 सभाएं की, कहा भी गया कि राजस्थान में उनकी डिमांड सबसे ज्यादा थी. इसके बाद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने छत्तीसगढ़ में पार्टी के लिए काफी वक्त दिया. छत्तीसगढ़ में सीएम योगी की 23 सभाएं हुईं, वहीं मध्यप्रदेश में उन्होंने 17 चुनावी जनसभाओं में हिस्सा लिया. वहीं ओवैसी और योगी की चुनावी तकरार वाले तेलंगाना में भी उन्होंने 8 जनसभाएं की.

सीएम योगी की उत्तर प्रदेश से बाहर बढ़ती मांग पर पार्टी ने उन्हें इतनी जनसभाओं की ज़िम्मेदारी सौंपी थी. सीएम योगी की इन सभाओं के बारे में पार्टी प्रवक्ता डॉक्टर चन्द्रमोहन का कहना है, ‘देशभर में यूपी का विकास का मॉडल लोकप्रिय हो रहा है, लोगों में इस मॉडल को जानने की रूचि है. साथ ही सीएम योगी बीजेपी के एक नेता भी हैं ऐसे में उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलनी स्वाभाविक था.’

वहीं सीएम योगी की बढ़ती लोकप्रियता के बीच एक बात और मानी जा रही है कि उन्हें उनकी भगवा छवि और गोरक्ष पीठ के महंत होने का भी फायदा मिलता है. खुद पार्टी प्रवक्ता चन्द्रमोहन कहते हैं कि स्वाभाविक रूप से किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके आभामण्डल को और बड़ा करता है, आज बीजेपी के एक सशक्त चेहरे के रूप में योगी आदित्यनाथ सामने आ रहे हैं. समाजवादी पार्टी भी इससे इत्तेफाक रखती है. सपा एमएलसी सुनील साजन ने कहा कि वो जिस जगह से जुड़े हैं उसका बहुत सम्मान है, और सीएम योगी इसी का फायदा ले रहे हैं.

एक बात साफ है कि सीएम योगी आदित्यनाथ तेज़ी से बीजेपी के लिए एक राष्ट्रीय चेहरा होते जा रहे हैं. चाहे वो केरल में पार्टी की निकली पदयात्रा हो या त्रिपुरा में योगी की रैलियां, राजस्थान में बड़ी डिमांड हो या तेलंगाना जैसे हिंदी पट्टी के बाहर के राज्य में प्रचार को हवा देना. बीजेपी अब योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रखना चाहती. हालांकि बीजेपी के इस प्लान के बीच लगातार राज्य से बाहर रहने के विषय पर भी सीएम योगी विरोधियों के निशाने पर हैं, खासतौर पर तब जब प्रदेश में बुलंदशहर जैसा कांड हुआ हो. इन आरोप प्रत्यारोप के बीच सीएम योगी की लोकप्रियता राज्यों में बीजेपी भुना पाई या नहीं इसका परिणाम आने में चंद लम्हे ही बचे हैं.

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