नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से राफेल विमान सौदे के खिलाफ दाखिल सभी याचिकाओं को रद्द करने और एसआईटी जांच के लिए मना किए जाने के बाद रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी का बयान आया है. अनिल अंबानी ने की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि मैं माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करता हूं. सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर दाखिल की गई सभी जनहित याचिकाओं (PIL) को खरिज कर दिया है. उन्होंने कहा रिलायंस ग्रुप और मेरे खिलाफ जितने भी आरोप लगाए गए थे, सभी आरोप आधारहीन और राजनीति से प्रेरित थे.
सरकार की योजनाओं में पूरा योगदान रहेगा
रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन ने अपने बयान में कहा कि हम राष्ट्र की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और सरकार की योजना ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्किल इंडिया’ के लिए हमारा पूरा योगदान रहेगा. साथ ही हम अपने फ्रांस के महत्वपूर्ण साझेदार दसॉल्ट एविशन का भी पूरा सम्मान करते हैं. इससे पहले शुक्रवार सुबह सुप्रीम कोर्ट ने भारत और फ्रांस के बीच हुए राफेल विमान सौदे पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया.
सौदे की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं मिली : सुप्रीम कोर्ट
उच्चतम न्यायाल में सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि इस सौदे की प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट को कोई भी गड़बड़ी नहीं मिली है. इसलिए इसकी एसआईटी जांच नहीं होगी. सीजेआई ने कहा कि राफेल विमान सौदे में कीमतों की जांच सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है. हम कुछ लोगों की धारणा के आधार पर फैसला नहीं दे सकते हैं. राफेल सौदे में कोई धांधली या अनियमितता नहीं है. राफेल विमान की गुणवत्ता पर कोई शक नहीं है. देश को अच्छे विमानों की जरूरत है तो राफेल डील पर सवाल क्यों?
गौरतलब है कि राफेल मामले में दो वकील एमएल शर्मा और विनीत ढांडा के अलावा एक गैर सरकारी संस्था ने जनहित याचिकाएं दाखिल कर सौदे पर सवाल उठाते हुए इसे रद्द करने की मांग की थी. इससे पहले सुनवाई के दौरान सीजेआई द्वारा तलब करने पर वायुसेना के अधिकारी भी कोर्ट पहुंचे थे. एयर वाइस मार्शल चलपति कोर्ट नंबर एक में मौजूद थे और सीजेआई रंजन गोगोई के सवालों का जवाब देते हुए बताया था कि आखिर राफेल की जरूरत क्यों है?