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एडीआर की रिपोर्ट में खुलासा, राजस्थान के 46 विधायकों के ख़िलाफ़ दर्ज हैं आपराधिक मामले

जयपुर। राजस्थान में पंद्रहवीं विधानसभा के लिए चुने गए विधायकों में से 46 ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं. राज्य की 200 सीटों वाली विधानसभा की 199 सीटों के लिए मतदान हुआ है.

चुनाव सुधार के मुद्दे पर काम करने वाली गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि राजस्थान में चुने गए 199 विधायकों में से 46 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इससे पहले साल 2013 में 36 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले थे.

एडीआर के मुताबिक नवनिर्वाचित 199 विधायकों में से 46 ने अपने हलफनामों में कहा है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं. वहीं 28 विधायकों ने बताया है कि उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.

कांग्रेस की ओर से लालसोट सीट से चुनाव लड़ने वाले परसादी लाल के खिलाफ हत्या के आरोप का एक मामला दर्ज हो चुका है. कांग्रेस के चार विधायकों के अनुसार उनके खिलाफ हत्या के प्रयास यानी धारा 307 के तहत मामले दर्ज हो चुके हैं.

एडीआर रिपोर्ट में इन विधायकों द्वारा नामांकन के समय दाखिल किए गए हलफनामों का विश्लेषण किया गया है. इसके अनुसार कांग्रेस के 99 में से 25 विधायकों, भाजपा के 73 में से 12 विधायकों और बसपा के छह में से दो विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं.

राजस्थान विधानसभा चुनाव में चुने गए 199 में से 158 विधायक करोड़पति हैं

राजस्थान की 15 वीं विधानसभा के लिए नवनिर्वाचित 199 विधायकों में से 158 ‘करोड़पति’ हैं. साल 2013 के पिछले विधानसभा चुनाव में यह संख्या 145 थी.

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के 99 में से 82 विधायक, भाजपा के 73 में से 58 विधायक, बसपा के छह में से पांच विधायक और 13 में से 11 निर्दलीय विधायक ऐसे हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति का मूल्य एक करोड़ रुपये से अधिक बताया है.

आईटी रिटर्न में अपनी कुल संपत्ति घोषित करने वाले धनाढ्यों में परसराम मोरदिया (172 करोड़ रुपये), उदयल आंजना (107 करोड़ रुपये) और रामकेश (39 करोड़ रुपये) है. वहीं सबसे कम संपत्ति दिखाने वाले विधायकों में सबसे युवा विधायक राजकुमार रोत, मुकेश कुमार भाकर और रामनिवास गावरिया हैं.

रिपोर्ट के अनुसार 59 विधायकों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता पांचवीं पास से 12वीं पास दिखाई है जबकि 129 विधायकों की घोषित शैक्षणिक योग्यता स्नातक व इससे उपर है. सात विधायकों ने खुद को सिर्फ साक्षर बताया है.

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