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सुषमा से मिलकर नम आंखों से बोलीं हामिद की मां- ‘मेरा भारत महान, मेरी मैडम महान…’

नई दिल्ली। छह साल तक पाकिस्तान की जेल में बंद रहने के बाद हामिद निहाल अंसारीअपने देश लौट आए हैं. बुधवार (19 दिसंबर) को उन्होंने अपनी मां के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की. विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान वो फूट-फूट कर रोने लगे. इस मुलाकात में हामिद निहाल अंसारी और उनकी मां फौजिया अंसारी ने भारत सरकार और सुषमा स्वराज तहे दिल से शुक्रिया अदा किया.

हामिद अंसारी जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद थे. मंगलवार (18 दिसंबर) को ही उन्हें रिहा किया गया. मंगलवार शाम भारतीय सीमा में दाखिल होते ही उन्होंने अपने वतन की माटी चूमी. इस वाघा बॉर्डर पर उनके परिजन उन्हें लेने पहुंचे थे. आपको बता दें कि छह साल पहले ऑनलाइन प्रेमिका से मिलने के लिए हामिद सीमा पार पहुंच गए थे, जिसके बाद उन्हें पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था.

सुषमा स्वराज से मुलाकात के दौरान हामिद निहाल अंसारी ने कहा कि ये सब उन्हीं की वजह से संभव हो पाया है. इस पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि सौभाग्य और दुर्भाग्य होता है. अब सौभाग्य आ गया तुम्हारा. हामिद की मां को गले लगाते हुए विदेश मंत्री ने सवाल किया कैसी हो बहन? फौजिया अंसारी ने गले लगकर उनसे कहा, ‘मेरा भारत महान, मेरी मेडम महान, मेरी मेडम ने ही सबकुछ किया है.’ सुषमा स्वराज से मुलाकात के वक्त मां-बेटे दोनों की आंखों में खुशी के आंसू थे.

 

 

दरअसल, नवंबर 2012 में अपनी प्रेमिका से मुलाकात के लिए हामिद निहाल अंसारी पाकिस्तान पहुंच गए थे. हामिद की गिरफ्तारी की खबर के बाद उनकी मां फौजिया ने बेटे की रिहाई के लिए दिन रात एक किया. भारत ने भी कई बार पाकिस्तान से अनुरोध किया था कि पाक में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को हामिद से मिलने दिया जाए, लेकिन हर बार पाकिस्तान ने मांग ठुकरा दी थी.

पाकिस्तान ने हामिद को भारतीय जासूस करार दिया था. उन पर अवैध तरीके से पाकिस्तान में प्रवेश करने, प्रवेश के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने और पाकिस्तान विरोधी अपराधों में संलिप्त होने के आरोप लगे थे. बीते गुरुवार पेशावर हाई कोर्ट ने हामिद की याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट को हामिद के वकील ने बताया कि गृह मंत्रालय और जेल अधिकारियों ने भारतीय नागरिक की रिहाई और स्वदेश वापसी पर चुप्पी साध रखी है. इसके बाद कोर्ट ने अतिरिक्त एटॉर्नी जनरल से यह बताने को कहा था कि सजा पूरी होने के बाद वे किसी कैदी को जेल में कैसे रख सकते हैं.

गृह मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करने वाले एक अधिकारी ने कोर्ट को सूचित किया कि कानूनी दस्तावेज तैयार किए जाने की सूरत में किसी कैदी को एक महीने के लिए जेल में रखा जा सकता है. कानूनी स्थिति जानने के बाद कोर्ट ने एक महीने के भीतर हामिद की रिहाई से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था.

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