भारतीय टीम के पर्थ टेस्ट हारने के बाद उसके प्रदर्शन पर सवाल उठने लगे हैं. पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा है कि अगर भारत, ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) के खिलाफ बाकी बचे दो टेस्ट मैचों में जीत दर्ज करने में नाकाम रहता है तो विराट कोहली और रवि शास्त्री की कप्तान और कोच के रूप में भूमिका की समीक्षा की जानी चाहिए. फिलहाल दोनों टीमें चार मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी पर हैं.
भारत ने पर्थ में दूसरा टेस्ट मैच में 146 रन से गंवाया, जिससे आस्ट्रेलिया चार मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर करने में सफल रहा. भारत इस मैच में चार विशेषज्ञ तेज गेंदबाजों के साथ उतरा, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने स्पिनर नाथन लॉयन को चुना. लॉयन आखिर में दोनों टीमों के बीच मुख्य अंतर पैदा कर गए. गावस्कर टीम प्रबंधन की चयन को लेकर पसंद से नाराज नजर आए. उन्होंने इसके लिए भारतीय टीम प्रबंधन की कड़ी आलोचना की.
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पूर्व ओपनर गावस्कर ने टीम में अधिक खिलाड़ियों को रखने पर भी सवाल उठाए. गावस्कर ने कहा, ‘मैं यह जानना चाहता हूं कि किसने 19 खिलाड़ियों को ले जाने की अनुमति दी क्योंकि अगला सवाल यह पैदा होता कि तीन और क्यों नहीं? बीसीसीआई बेहद धनी संस्था है, वह वहां यहां तक कि 40 खिलाड़ियों को भेज सकता है. हालांकि मुझे लगता है कि भारतीय कैप, भारतीय ब्लेजर को बेहद महत्वपूर्ण है. वहां 19 खिलाड़ियों को भेजकर मुझे लगता है कि चयन समिति अपनी जिम्मेदारी सही तरह से नहीं निभा रही है.’
पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा, ‘हम इसे लगातार देख रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका दौरे से ही चयन को लेकर बड़ी चूक की जा रही है. टीम को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है क्योंकि वह मैच गंवा रही है. अगर सही चयन किया जाता तो टीम इन मैचों को जीत सकती थी.’
टेस्ट क्रिकेट में 10,122 रन बनाने वाले गावस्कर ने कहा, ‘उन्हें (कप्तान और कोच) टीम का संयोजन देखना चाहिए और फिर सोचना चाहिए कि कहां गलती हुई. अगर वे ऐसा करते हैं तो निश्चित तौर पर अगले दो मैच जीत सकते हैं. लेकिन अगर वह स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर के बिना खेल रही इस ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ भी जीत दर्ज नहीं कर पाते हैं तो फिर चयनकर्ताओं को विचार करने की जरूरत है क्या हमें वर्तमान के कप्तान, कोच और सहयोगी स्टाफ से कोई फायदा मिल रहा है.’
गावस्कर के अनुसार आउट ऑफ फॉर्म चल रहे ओपनर केएल राहुल को स्वदेश भेजना चाहिए ताकि वे घरेलू क्रिकेट में खेल सकें. उन्होंने कहा, ‘अगर कोई खिलाड़ी चोटिल नहीं होता है तो उसके (राहुल) अगले दो मैचों में खेलने की संभावना नहीं है. मेरा मानना है कि उन्हें स्वदेश भेजना चाहिए ताकि वे कर्नाटक के लिए रणजी ट्राफी में खेल सके. राहुल केवल आउट ऑफ फॉर्म ही नहीं है, बल्कि वे किसी भी समय खेल में नहीं दिख रहा है. वह मुझे गलत साबित कर सकता है और अगर भारतीय टीम को फायदा हो रहा है तो मुझे गलत साबित होने में खुशी होगी.’