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सबरीमाला मंदिर जाने पर अड़ीं 11 महिलाएं, विरोध कर रहे लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया

पंबा। पंबा में रविवार सुबह उस समय तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई जब 50 वर्ष से कम आयु की 11 महिलाओं के एक समूह ने भगवान अयप्पा मंदिर में पहुंचने की कोशिश की. श्रद्धालुओं ने महिलाओं के इस कदम का विरोध किया. पुलिस ने महिलाओं का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है.

महिलाओं के समूह ने मंदिर परिसर से लगभग पांच किलोमीटर दूर पारंपरिक वन पथ के माध्यम से अयप्पा मंदिर पहुंचने की कोशिश की, लेकिन श्रद्धालुओं के विरोध की वजह से वे आगे नहीं बढ़ सकीं.

निषेधात्मक आदेश की अवहेलना करते हुए सैकड़ों श्रद्धालु यहां एकत्रित हुए और उन्होंने भगवान अयप्पा के भजन जोर-जोर से गाने शुरू कर दिए. चेन्नई के ‘मानिथि’ संगठन की ये महिलाएं लगातार विरोध के बाद सुबह पांच बजकर 20 मिनट से सड़क पर बैठीं हैं. पुलिस ने उनके आसपास घेरेबंदी कर दी है.

11 महिलाएं सबरीमाला मंदिर जाने के लिए अड़ी हैं. फोटो ANI 

इस समूह की संयोजक सेल्वी से पुलिस की बातचीत भी विफल रही क्योंकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे दर्शन किए बिना नहीं लौटेंगी. सेल्वी ने कहा, ‘‘प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस हमें वापस जाने को कह रही है लेकिन हम दर्शन किए बिना नहीं जाएंगे. हम यहां तब तक इंतजार करेंगे जब तक हमें आगे नहीं जाने दिया जाता.’’

महिलाओं का समूह. फोटो ANI

गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर में 10-50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर पारंपरिक रूप से लगी रोक के खिलाफ आदेश देते हुए उच्चतम न्यायालय ने 28 सितंबर को सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश और पूजा की अनुमति दे दी थी. तबसे मंदिर में प्रवेश को लेकर कई बार प्रदर्शन हो चुके हैं.

फाइल फोटो

महिला का समूह केरल-तमिलनाडु सीमा पर इडुक्की-कम्बदु मार्ग से तड़के करीब साढ़े तीन बजे पम्बा पहुंचा था. स्थानीय टेलीविजन चैनलों के अनुसार उन्हें रास्ते में कई स्थानों पर विरोध का सामना करना पड़ा लेकिन वे पम्बा पहुंचने में कामयाब रहीं. समूह की सदस्य तिलकवती ने कहा, “मंदिर में दर्शन नहीं होने तक हम प्रदर्शन जारी रखेंगे. पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए हमें वापस जाने को कहा है. लेकिन हम वापस नहीं जाएंगे.”

केरल सरकार के उच्चतम न्यायालय के 28 सितम्बर को दिए आदेश को लागू करने के निर्णय के बाद से श्रद्धालुओं ने सबरीमला मंदिर के पास व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किए हैं. पहले भी कुछ महिलाएं मंदिर पहुंचने का असफल प्रयास कर चुकी हैं.

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