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Train-18 ने तोड़े स्पीड के सारे रिकॉर्ड, स्पीडोमीटर ने छुआ 180 KM/h का आंकड़ा

नई दिल्ली। देश की सबसे तेज और पहली सेमी हाईस्पीड इंजनलेस, Train-18 को आधिकारिक रूप से चलने की मंजूरी मिल गई है. रेलमंत्री पीयूष गोयल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर चलती हुई ट्रेन का वीडियो शेयर किया है. वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन ट्रैक पर दौड़ रही है. यह देश की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है. इस ट्रेन ने राजधानी और शताब्दी को स्पीड को मामले में बहुत पीछे छोड़ दिया है.

सूत्रों के अनुसार इस रेलगाड़ी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी से नई दिल्ली के लिए चलाया जाएगा. प्रधानमंत्री खुद इस रेलगाड़ी को झंडी दिखाएंगे. इस ट्रेन की एक ओर से यात्रा लगभग 8 घंटे की होगी. फिलहाल दिल्ली से वाराणसी पहुंचने में ट्रेनों को 12 से 17 घंटे तक का समय लगता है. Train 18 एक ही दिन में वाराणसी से नई दिल्ली जाने और आने का सफर तय करेगी.

 

 

इस रेलगाड़ी के रास्ते में बहुत कम स्टॉपेज होंगे. यह गाड़ी नई दिल्ली से चलने के बाद गाजियाबाद, कानपुर, इलाहाबाद इसे बाद वाराणसी रेलवे स्टेशनों पर रुकेगी. इस रेलगाड़ी को नई दिल्ली से इलाहाबाद के बीच दिल्ली हावड़ा रूट पर ही चलाया जाएगा इसके बाद यह गाड़ी भदोहीं हो कर गुजरेगी. दरअसल दिल्ली हवाड़ा रूट पर गाड़ियों की संख्या पहले से ही मानकों से अधिक है. इसीलिए इस गाड़ी को इस रूट से चलाया जा रहा है.

                                           यह रेलगाड़ी देश की पहली ट्रेन सेट है, जिसमें इंजन नहीं लगी है.

टी-18 ट्रेन में यूरोप में चलने वाली आधुनिक गाड़ियों की तरह तमाम खूबियां हैं. यह रेलगाड़ी देश की पहली ट्रेन सेट है. इसमें इंजन लगाने की जरूरत नहीं है. पहले कोच में ड्राइवर के लिए अलग केबिन है. प्लेटफॉर्म से गाड़ी में चढ़ने के लिए ट्रेन में एक ऐसा प्लेटफॉर्म दिया गया है जो अपने आप एडजस्ट हो जाता है. इस रेलगाड़ी का ऐरोडियानिमिक डिजाइन इसकी स्पीड बढ़ाने में मदद करता है. गाड़ी में कुल 16 कोच हैं, जिनमें 2 एक्जीक्यूटिव क्लास के कोच हैं.

                                           ट्रेन अंदर से कुछ इस तरह दिखती है.

बता दें, CCRS ने रेलवे बोर्ड को Train-18 को लेकर एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें स्पीड को लेकर बातें कही गई हैं. इसमें कहा गया है कि अगर ट्रेन को 130 से 160 किलोमीटर के बीच चलाया जाता है तो पहले ट्रैक को फेंसिंग के जरिए सुरक्षित करना होगा. इसलिए, उम्मीद की जा रही है कि यह ट्रेन 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेगी. फेंसिंग का काम पूरा होने के बाद स्पीड लिमिट आगे बढ़ाई जाएगी.

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