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महाराष्ट्र: इस चुनाव में बीजेपी-NCP ने मिलाए हाथ, शिवसेना को रखा सत्ता से दूर

मुंबई। महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस में लोकसभा और विधानभा चुनावों को लेकर महागठबंधन की कवायद तेज हो गई है. एनसीपी -कांग्रेस के बीच कुछ सीट छोड़कर 40 सीटों पर सहमती भी बनी है लेकिन दूसरी ओर शिवसेना-बीजेपी के बीच दूरियां बढती जा रही हैं. एनसीपी भी राजनैतिक दाव खेलने में पीछे नहीं है. महाराष्ट्र के अहमदनगर नगर निगम के मेयर पद के चुनाव में राज्य की राजनीती में एक बार फिर नए राजनैतिक समीकरणों को जन्म दिया है. अहमदनगर में 14 पार्षदों वाली तीसरे नंबर नंबर की पार्टी बीजेपी ने एनसीपी के 18 पार्षदों की मदद सें मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव जीत लिया है. 24 पार्षदों वाली सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को सत्ता से दूर रखा गया.

हालांकि एनसीपी ने मेयर-डिप्टी मेयर चुनाव में बीजेपी को मदद करने वाले सभी 18 पार्षदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है लेकिन देर रात तक इने एनसीपी नें कोई व्हिप जारी नहीं किया था. न ही बीजेपी ने अपने पार्षदों को कोई व्हिप जारी किया था. सिर्फ शिवसेना ने अपने पार्षदों को व्हिप जारी किया था. जब 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सबसे बडी पार्टी बनकर बीजेपी उभरी थी लेकिन बहूमत सें दूर रही तो एनसीपी ने बिना मांगे समर्थन दिया था. बिना शिवसेना की मदद लिए राज्य में बीजेपी की सत्ता बनी थी.

एक बार फिर से राजनैतिक दांव खेला गया. मेयर पद के लिए बीजेपी के बाबा साहेब वाकले, शिवसेना के बालासाहेब बोराटे, एनसीपी के संपत बारस्कर ने मेयर पद के लिए पर्चा दाखिल किया था और एनसीपी के मेयर पद के उम्मीदवार संपत बारस्कर ने आज अपना नामांकन वापस लिया. एनसीपी के 18 पार्षदो के समर्थन से बीजेपी ने मेयर और डिप्टी मेयर पद जीत लिया. बसपा के 3 पार्षदों ने भी बीजेपी का साथ दिया. वहीं, एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि बीजेपी को समर्थन देन वाले पार्षदों को कारण बताव नोटिस दिया है. पार्टी इन 18 पार्षदों पर कठोर कार्रवाई करने के मूड में है.

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हालांकि, स्थानीय राजनीति को भी इस नई राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. शिवसेना के पूर्व विधायक अनिल राठोड और बीजेपी के अहमदनगर के सांसद दिलीप गांधी में संबंध मधुर नहीं है. साथ में एनसीपी के विधायक अरुण जगताप और शिवसेना की बीच बनती नहीं है. इसमें अहदनगर के केडगाव में शिवसेना कार्यकर्ता की हत्या का आरोप एनसीपी के एक कार्यकर्ता पर लगा था जिसके बाद ही शिवसेना और एनसीपी में अहमदनगर में खटास आ गई थी.

बीजेपी नेता और राज्य के मंत्री गिरीश महाजन का कहना है कि हमारे अहमदनगर पुराने सहयोगी (शिवसेना) दल ने हमसे मदद नही मांगी. अगर वह मदद मांगते तो हम उनका समर्थन करते. यहां किसी भी एक दल को बहुमत नहीं है लेकिन सरकार बनाना जरूरी था. हमें बड़े दिल से एनसीपी ने सहयोग दिया. हम उन्हें धन्यवाद देते हैं. वहीं, शिवसेना के पूर्व विधायक अनिल राठोड ने बीजेपी के जीत पर कहा है कि इसमें सौदेबाजी हुई है.

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ये स्थानीय राजनीति की बात हुई लेकिन राज्य की राजनीति की सोचें तो पंढरपूर रैली में शिवसेना प्रमुख ने उद्धव ठाकरे ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था. इससे बीजेपी और शिवसेना के बीच दूरियां और बढ़ी हैं. अहमदनगर सें नए राजनीतिक समीकरण बनते दिख रहे हैं. महाराष्ट्र के मंत्री गिरीज महाजन मेयर पद के चुनाव तक अहमदनगर में रुके रहे. तीन नंबर की बीजेपी अहमदनगर के नगरनिगम में सत्ता के दोनों शीर्ष पद अपने पास रखने में कामयाब हुई है.

अहमदनगर नगर निगम –
कुल सीटे – 68
बहुमत का संख्याबल – 35
शिवसेना – 24
एनसीपी – 18
बीजेपी – 14
कांग्रेस – 05
बसपा -04
सपा– 01
निदर्लीय – 02

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