Friday , March 29 2024

दिग्गज अभिनेता कादर खान का 81 साल की उम्र में निधन, टोरंटो में आज होगा अंतिम संस्‍कार

दमदार आवाज, जबरदस्त डायलॉग और बेहतरीन अभिनय से सिल्वर स्क्रीन पर अपनी छाप छोड़ने वाले कादर खान अब हमारे बीच नहीं रहे. वह पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. कादर खान के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था, इसलिए उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार कादर खान के बेटे सरफराज ने इस बात की पुष्टि की है कि कादर खान का निधन हो गया है. कादर खान के परिवार में उनकी पत्नी हजरा, बेटा सरफराज, बहू और पोते-पोती हैं. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार एक करीबी रिश्तेदार अमहद खान ने बताया कि तड़के करीब चार बजे कादर खान का निधन कनाडा के टोरंटो में हो गया. उनकी अंत्येष्टि आज टोरंटो के कब्रिस्तान में की जाएगी.

गौरतलब है कि कादर खान को गंभीर रूप से बीमार होने के बाद एडमिट किया गया था. वह 81 साल के थे. खबरों की मानें तो वह प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी डिसऑर्डर (पीएसपी) के शिकार हो गए थे. इसी वजह से उनके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था.

हाल ही में एक न्यूज पोर्टल से हुई बातचीत में कादर के बेटे सरफराज ने बताया था कि प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी डिसऑर्डर के चलते कादर खान की दिमाग से उनके शरीर को चलाने वाली सारी हरकतों पर प्रभाव पड़ा था. इसके साथ ही उन्हें सांस से संबंधित परेशानी भी लगातार हो रही थी. खबरों की मानें तो कादर खान के डॉक्टरों ने सांस लेने में हो रही दिक्कत के कारण उन्हें एडमिट किया गया था. वहीं इसी के साथ उनमें निमोनिया के लक्षण भी नजर आ रहे थे.

10 साल से सिल्वर स्क्रीन से दूरी बनाए हुए थे
बता दें कि एक समय के बेहतरीन एक्टरों में शुमार कादर खान तकरीनब 10 साल से सिल्वर स्क्रीन और ग्लैमर वर्ल्ड से दूरी बनाए थे. वह कई साल से अपने बेटे और बहू के साथ कनाडा में रह रहे थे और वहीं उनका इलाज भी चल रहा था. गौरतलब है कि कादर खान ने 1973 में अपने करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने लगातार 300 से ज्यादा फिल्मों में अहम भूमिकाएं निभाई हैं. इतना ही नहीं अभिनय के साथ उन्होंने 250 फिल्मों में डायलॉग भी लिखे हैं.

पिछले साल कादर खान के घुटने की सर्जरी हुई थी
बता दें कि कादर खान ने 2014 में बीमार होने के बावजूद मक्का मदीना जाकर हज की पवित्र यात्रा की थी. उस दौरान उनकी कई तस्वीरें मीडिया के सामने आई थीं. वहीं पिछले साल उनके घुटने की सर्जरी हुई थी.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch