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सबरीमाला: महिलाओं की एंट्री के बाद केरल में प्रदर्शन, शुद्धीकरण के लिए कपाट बंद

नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के बाद मंदिर के कपाट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है. मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के बाद पुजारियों ने इसे शुद्धिकरण के लिए बंद किया है. वहीं, इस घटना बाद से तिरुवंतपुरम में हिंदू संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन में कुछ महिलाएं भी शामिल हैं.

तड़के दो महिलाओं ने किया प्रवेश
बता दें कि आज सुबह दो महिलाओं ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश किया था. काले रंग के लिबाज में महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश किया इस दौरान महिलाओं के साथ सादी वर्दी में पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक देर रात दो महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश के लिए चढ़ाई शुरू की थी. मंदिर में प्रवेश करने के बाद महिलाओं ने भगवान अय्यप्पा के दर्शन किए और शांतिपूर्वक लौट गईं.

केरल के सीएम ने की पुष्टि
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने तिरुवनंतपुरम में कहा, “हां, यह सच है, महिलाओं ने मंदिर में दर्शन किए हैं.”यह खबर फैलते ही, मुख्य पुजारी और मंदिर तंत्री ने एक बैठक की और पंडालम शाही परिवार के साथ बातचीत भी की और मंदिर को बंद करने का फैसला किया.
तंत्री कंतारारु राजीवेरु ने कहा कि मंदिर को ‘शुद्धिकरण’ के लिए बंद कर दिया गया है और बाद में फिर से खोला जाएगा. बिंदू और कनक दुर्गा नाम की दो महिलाओं ने कहा कि उन्होंने तड़के 3.30 बजे मंदिर में दर्शन किए.

इससे पहले, 24 दिसंबर को दोनों ने दर्शन करने की कोशिश की थी, लेकिन 10 साल की लड़की से लेकर 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश करने का विरोध करने वाले पुरुष भक्तों ने दोनों को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया था.

फोन पर मीडिया से बातचीत में बिंदू ने कहा कि वह दुर्गा के साथ देर रात करीब 1.30 बजे पंबा आधार शिविर पहुंची और कुछ पुलिस अधिकारियों के साथ सादे कपड़ों में मंदिर मार्ग पर ऊपर गई. बिंदू ने कहा, “सरकार ने हमें हर तरह की मदद का आश्वासन दिया था. हम आधार शिविर और मंदिर मार्ग पहुंचे और तड़के 3.30 बजे दर्शन किए.” उन्होंने कहा कि दोनों पुलिस संरक्षण में मंदिर से लौटी.

बिंदू ने कहा, “अब हम पंबा से गुजर चुके हैं और वापस जा रहे हैं और हमारे पास पुलिस सुरक्षा है. हमें कोई समस्या नहीं हुई. कुछ छिटपुट विरोध हुए, लेकिन और कोई दिक्कत नहीं हुई.” मंदिर तंत्री परिवार के एक सदस्य राहुल ईश्वर ने कहा कि अगर परंपरा का उल्लंघन हुआ है, तो फिर “शुद्धिकरण अनुष्ठान किया जाएगा.” उन्होंने कहा, “अगर दोनों ने दर्शन किए हैं तो खुद के साथ ही छलावा किया है. अगर ऐसा हुआ है, तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. यह केरल सरकार के एक संगठित प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है.”

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