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विवेक तिवारी हत्याकांड: आरोपी संदीप को मिली जमानत, 29 सितंबर को हुई थी गिरफ्तारी

लखनऊ। एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के सिलसिले में जेल में बंद पुलिसकर्मी संदीप को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनंद प्रकाश सिंह ने जमानत दे दी. अदालत ने बीस हजार रुपये की जमानत राशि और इतनी ही रकम के निजी मुचलके पर पुलिसकर्मी की रिहाई का आदेश दिया.

पुलिस ने पिछले साल 20 दिसम्बर को उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. मामले के एक अन्य आरोपी पुलिसकर्मी प्रशांत कुमार चौधरी के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 302 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था.

मृतक विवेक की पत्नी कल्पना ने अदालत से आग्रह किया था कि संदीप के खिलाफ भी धारा 302 के तहत संज्ञान ले हालांकि अदालत ने 323 के तहत संज्ञान लिया. संदीप को 28 और 29 सितंबर की मध्य रात्रि को घटना के बाद गिरफ्तार किया गया था.

क्या है मामला

एपल कंपनी का बड़ा इवेंट था. कंपनी के दो फोन भारत में लॉन्च किए गए थे. विवेक तिवारी एपल कंपनी के एरिया मैनेजर थे. उनके लिए ये बहुत बड़ा मौका था. वे रात में देर से ऑफिस से निकले. उनके साथ उनकी सहकर्मी सना भी थीं. वे सना को उसके घर छोड़ने के बाद अपने घर जाने वाले थे.

करीब डेढ़ बजे उन्होंने अपनी पत्नी से बात की उन्हें बताया कि फोन लॉचिंग की वजह से ऑफिस में देर हो गयी, इसीलिए वो अपनी सहकर्मी सना को घर छोड़ते हुए लौटेंगे. गोमतीनगर इलाके में अचानक दो पुलिसवालों ने उन्हें रोका, जिनमें से एक प्रशांत और दूसरा संदीप था.

प्रशांत ही वो सिपाही है जिसने गोली चलाई. यह घटना 28 और 29 सितंबर के दरम्यानी रात की है. आरोपी सिपाही के मुताबिक विवेक तिवारी ने बार-बार उस पर गाड़ी चढ़ाई इसलिए उसने पिस्टल निकाली लेकिन उस वक्त गाड़ी में मौजूद सना का बयान बिलकुल अलग है.

बुलंदशहर का रहनेवाला प्रशांत चौधरी जेल में है अबतक संदीप राणा भी जेल में था. प्रशांत की पत्नी राखी मल्लिक भी कांस्टेबल है. राखी के बैंक खाते में साथी सिपाहियों ने एक दिन में 5 लाख रूपये जमा करवा दिए थे. सोशल मीडिया में ये कहा जा रहा था कि प्रशांत की मदद के लिए उसकी पत्नी के खाते में पैसा डालें. जिससे कोर्ट कचहरी में प्रशांत की मदद हो पाएगी. पिछले दिनों काली पट्टी बांधे यूपी पुलिस से कुछ सिपाहियों का फ़ोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा था.

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