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CBI के नि‍शाने पर आईं IAS चंद्रकला, सोशल मीडिया पर योगी और अखिलेश से ज्‍यादा पॉपुलर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश (यूपी) की आईएएस अफसर बी चन्द्रकला अक्सर ही सुर्खियों में बनी रहती हैं. भ्रष्‍टाचार और कमीशनखोरी करने वाले ठेकेदारों और अफसरों के खिलाफ उनके सख्त रवैये के वीडियो आज भी सोशल मीडिया में लोगों का ध्यान खींचते हैं. सुर्खियों में छाई रहने वाली बी चंद्रकला सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं. चंद्रकला लोगों के बीच इतनी चर्चित हैं कि उन्होंने इस मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी पीछे छोड़ दिया है.

 

 

यूपी कैडर की 2008 बैच की आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला तेलंगाना की रहने वाली हैं. चंद्रकला को फेसबुक पर 86 लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं. वहीं, अगर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की बात की जाए तो, उन्हें करीब 57 लाख लोग फॉलो करते हैं. एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव को फेसबुक पर करीब 68 लाख लोग फॉलो करते हैं. इस लिहाज से देखा जाए तो, लोकप्रियता के मामले में चंद्रकला इन दोनों बड़े नेताओं से काफी आगे हैं.

 

 

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में हुए अवैध खनन के मामले में सीबीआई ने शनिवार को तत्कालीन डीएम बी.चन्द्रकला के लखनऊ आवास पर छापा मारा है. जानकारी के मुताबिक, यहां से सीबीआई टीम ने घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं. सरोजनी नायडू मार्ग स्थित सफायर अपार्टमेंट में रहनेवाली डीएम बी. चन्द्रकला के फ्लैट नंबर 101 में सीबीआई की टीम मौजूद है, फिलहाल कार्रवाई जारी है. आपको बता दें कि डीएम के खिलाए मौरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. इस केस तहत सीबीआई ने कानपुर, जालौन, हमीरपुर और दिल्ली के कई ठिकानों पर छापेमारी की है.

 

दरअसल, योगी सरकार के सत्ता में आने से पहले अखिलेश यादव सरकार में आईएएस बी.चन्द्रकला की पोस्टिंग पहली बार हमीरपुर जिले में जिलाधिकारी के पद पर की गई थी. आईएएस बी.चन्द्रकला पर आरोप हैं कि साल 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे किए थे. ई-टेंडर के जरिए मौरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था. लेकिन, बी.चन्द्रकला ने सारे प्रावधानों की अनदेखी की थी.

इसके बाद ही साल 2015 में अवैध रूप से जारी मौरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को हमीरपुर में जारी किए गए सभी 60 मौरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए थे. याचिकाकर्ता का आरोप है कि, मौरंग खदानों पर पूरी तरह से रोक लगाने के बाद भी जिले में अवैध खनन खुलेआम किया गया. साल 2016 को तमाम शिकायतों और याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी, जिसके बाद से सीबीआई इस केस की जांच कर रही है.

लखनऊ के साथ सीबीआई ने जालौन में भी छापेमारी की, जिसके बाद ठेकेदारों में हड़कंप मच गया. एक ठेकेदार का नाम रामावतार राजपूत बताया जा रहा है, जो बसपा पार्टी के पदाधिकारी है. वहीं, दूसरे ठेकेदार का नाम करन सिंह राजपूत है. ये दोनों हमीरपुर और जालौन में मौरम की खादान चलाते हैं. कानपुर में कारोबारी रमेश मिश्रा के यहां सीबीआई का छापेमारी की. रमेश मिश्रा पर अवैध खनन के आरोप लगते रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, उनके किदवई नगर स्थित ठिकानों पर सीबीआई टीम पहुंची और छानबीन की.

हमीरपुर के 2 बड़े मौरंग व्यवसायियों के घरों में सीबीआई ने की छापेमारी की वर्तमान एमएलसी रमेश मिश्रा और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजीव दीक्षित के घरों में सीबीआई पहुंची है. जानकारी के मुताबिक,
बंद कमरे में सीबीआई पूछताछ कर रही है. सीबीआई की 15 सदस्यीय टीम कार्रवाई में जुटी है.

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