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शिखर धवन ने सिडनी में बनाया ‘गोल्डन डक’, डेब्यू कर रहे बेहरेनडॉर्फ ने किया शिकार

दो महीने के बाद वनडे टीम में लौटे शिखर धवन की वापसी अच्छी नहीं रही. वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेले गए पहले वनडे में खाता भी नहीं खोल सके. वैसे यह पहली बार नहीं है, जब वे बिना खाता खोले आउट हुए हैं. लेकिन इस उनकी इस 0 रन की पारी में ऐसा बहुत कुछ हुआ, जो यादगार कहा जाएगा.

सिडनी में खेले गए वनडे में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 289 रन का लक्ष्य दिया. भारत की पारी की शुरुआत रोहित शर्मा और शिखर धवन ने की. ऑस्ट्रेलिया के लिए पहला ओवर जेसन बेहरेनडॉर्फ ने फेंका. 28 साल के बेहरेनडॉर्फ का यह पहला वनडे मैच है. उन्हें मैच से पहले दिग्गज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा ने ऑस्ट्रेलिया की कैप दी.

बेहरेनडॉर्फ जहां करियर में पहली बार इंटरनेशनल मैच खेल रहे थे. वहीं, शिखर धवन भी लंबे अंतराल के बाद मैदान पर लौटे थे. बेहरनेडॉर्फ ने मैच की अच्छी शुरुआत की. उन्होंने रोहित शर्मा को पहली पांच गेंदों पर रन नहीं बनाने दिए. हालांकि, पांचवें गेंद पर लेगबाई रन मिलने से रोहित स्ट्राइक चेंज करने में कामयाब रहे. अब शिखर धवन क्रीज पर थे.

 

 

 

डेब्यू मैच खेल रहे बेहरनेडॉर्फ और करियर का 116वां वनडे मैच खेल रहे शिखर धवन की पहली जंग, ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज के नाम रही. बेहरेनडॉर्फ की यह गेंद फुललेंथ की थी. धवन ने इसे फ्लिक करने की कोशिश की, लेकिन जब तक वे बैट गेंद की लाइन में लाते, तब तक यह पैड से टकरा चुकी थी. एलबीडब्ल्यू की अपील हुई और अंपायर ने उंगली उठाने में ज्यादा देर नहीं लगाई. बेहरेनडॉर्फ को गोल्डन स्टार्ट मिल चुका था और धवन के खाते में पहला गोल्डन डक दर्ज हो चुका था.

शिखर धवन एलबीडब्ल्यू के फैसले के खिलाफडी डीआरएस लेना चाह रहे थे. उन्होंने साथी ओपनर रोहित शर्मा से इस बारे में बात की. उन्हें रोहित का समर्थन नहीं मिला. यह स्पष्ट था कि गेंद स्टंप्स से टकरा रही थी. ऐसे में सिर्फ एक ही कारण हो सकता था, जो उन्हें आउट होने से बचाता कि गेंद पैड पर लगने से पहले बैट को छूकर गई हो. ऐसा नहीं हुआ था और शिखर पैवेलियन लौट गए.

करियर में चौथी बार 0 पर आउट हुए 
शिखर धवन 116 वनडे मैचों के करियर में चौथी बार बिना खाता खोले आउट हुए. वैसे उनके करियर की शुरुआत ही 0 से हुई है. वे 2010 में अपनी पहली पारी में भी खाता नहीं खोल सके थे. यह मैच भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था. तब वे सिल्वर डक का शिकार हुए थे. यानी वे दो गेंद खेलकर आउट हुए थे. उनका दूसरा 0 दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2013 में आया. वे इस पारी में भी सिल्वर डक का शिकार हुए. तीसरी बार जब वे 0 पर आउट हुए, तब उन्होंने 8 गेंदों का सामना किया. उनका तीसरा शून्य श्रीलंका के खिलाफ 2017 में धर्मशाला में आया था.

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