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अगर गठबंधन के बाद भी हारे तो ठीकरा इबीएम पर फूटेगा

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा- अगर ईवीएम ठीक रहे तो बीजेपी को यूपी में ही रोक देंगे

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ताज होटल में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संयुक्त प्रेस वार्ता की. इस प्रेस वार्ता में पहले मायावती ने अपनी बात रखी. उन्होंने बीजेपी पर जम कर हमला किया और बीएसपी-एसपी गठबंधन से जुड़ी हर खास बात को भी मीडिया के सामने बताया.

उन्होंने अपनी बात की शुरुआत बीजेपी पर हमले से की और मोदी-शाह की जोड़ी को गुरु-चेले की जोड़ी बताया. इसके बाद उन्होंने 1993 में किए गठबंधन को याद करते हुए कहा कि उस वक्त भी गठबंधन ने बीजेपी को पटखनी दे दी थी.

मायावती ने कहा कि गेस्टहाउस कांड से ऊपर देशहित और जनहित को रख कर हमने गठबंधन का फैसला किया है. बीजेपी जैसे काम उस वक्त कर रही थी (90 के दशक में) वैसे ही काम आज भी कर रही है. पूरे देश की जनता बीजेपी से परेशान है.

बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि अब बीजेपी को हराने के लिए दोनों पार्टियां एक साथ आई हैं. 2019 में नई राजनीतिक क्रांति होगा. देश और समाज को हमसे जो उम्मीदें हैं हम उन पर खरा उतरेंगे. लोकसभा और 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बेईमानी से सरकारें बनाई हैं.

मायावती ने कहा कि बीजेपी से जनता दुखी है. हमने उपचुनाव में बीजेपी को हराया था. कांग्रेस की भी जमानतें जब्त हो गई थीं. हमें बीजेपी एंड कंपनी को सत्ता में आने से रोकना है और ऐसा जरूर होगा. मायावती ने अपने भाषण के दौरान दो से तीन बार गेस्टहाउस कांड का जिक्र किया.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लंबे वक्त देश और यूपी में शासन किया जिसमें लोग परेशान रहे. इसी कारण एसपी-बीएसपी जैसे दलों का भी जन्म हुआ. सत्ता चाहे बीजेपी के पास रही हो या फिर कांग्रेस के पास बात एक ही है. दोनों पर ही रक्षा सौदों में घोटालों के आरोप लगे. एक के शासन में बोफोर्स हुआ जबकि दूसरे के शासन में राफेल हुआ.

मायावती ने कहा कि इस वक्त देश में 1975 की इमरजेंसी जैसे हालात हैं. उस वक्त घोषणा की गई थी जबकि वर्तमान में अघोषित इमरजेंसी चल रही है. इस बार नतीजे 1977 की तरह होंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन में केवल उसी को फायदा होता है सहयोगी पार्टी को नहीं.

उन्होंने कहा कि 1996 में हमने ऐसा करके देखा था. पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने भी ऐसा किया था. दोनों को ही कांग्रेस के साथ गठबंधन का नुकसान उठाना पड़ा. जबकि एसपी-बीएसपी के वोट एक दूसरे को ईमानदारी से ट्रांसफर हो जाते हैं.

बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि अगर ईवीएम ठीक रहे तो बीजेपी को यूपी में ही रोक देंगे. 4 जनवरी को जो बैठक हुई थी उसमें सब कुछ फाइनल हो गया है. इसीलिए बीजेपी ने घबराकर अखिलेश के खिलाफ कार्रवाई करनी चाही. अब दोनों पार्टियों का गठबंधन पहले से भी मजबूत है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी ने शिवपाल सिंह यादव पर पानी की तरह जो पैसा बहाया है वो बेकार हो गया है. 80 सीटों में से बीएसपी और एसपी 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी जबकि दो सीटों को कांग्रेस के लिए छोड़ दिया गया है. साथ ही दो अन्य सीटों पर हम अपने सहयोगियों को जगह देंगे.

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