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जिस मनरेगा को PM नरेंद्र मोदी ने बताया था नाकामी का स्मारक, उसके लिए दिया रिकॉर्ड फंड

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी ने जिस मनरेगा को कांग्रेस की नाकामी का जीता-जागता स्मारक बताया था, अब सरकार ने उसके लिए रिकॉर्ड बजट आवंटित किया है. पीएम मोदी ने कहा था कि वह कांग्रेस की नाकामी के इस स्मारक को गाजे-बाजे के साथ आगे बढ़ाएंगे. हालांकि, आम चुनावों से ठीक पहले केंद्र सरकार ने इसके लिए रिकॉर्ड फंड आवंटित किया है.

केंद्र सरकार ने मंगलवार को बताया कि उसने मनरेगा के तहत 6000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि बांटी है जो किसी भी वित्त वर्ष में अब तक का रिकॉर्ड है. मनरेगा ग्रामीण रोजगार योजना है जिसके तहत ग्रामीण इलाकों में लोगों को दैनिक राशि मेहनताना के रूप में दी जाती है.

6000 करोड़ रुपए आवंटित किए जाने के साथ ही मनरेगा के लिए कुल आवंटन 61 हजार 84 करोड़ रुपए हो गये हैं. अब तक आवंटित राशि में किसी वित्त वर्ष में यह सबसे अधिक है. इससे पहले लगभग 90 सांसदों, सामाजिक कार्यकर्ता, किसान नेता और कई पूर्व नौकरशाहों ने सरकार को पत्र लिखकर अतिरिक्त राशि बांटने की मांग की थी. सरकार ने इस पत्र का संज्ञानि लिया और 6 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि का आवंटन किया.

इसके बारे में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा, ‘भारत सरकार ने मनरेगा के तहत 6084 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया है. इसके साथ ही 2018-19 में इस योजना के तहत कुल आवंटन 61 हजार 84 करोड़ रुपए हो गए हैं, जो अब तक का सबसे अधिक आवंटन है.’

मनरेगा पर राजनीति

मनरेगा की राशि आवंटित किए जाने को लेकर राजनीति खूब होती रही है. जहां-जहां बीजेपी विरोधी पार्टियों की सरकारें हैं, वहां से शिकायतें आती हैं कि केंद्र सरकार मनरेगा की राशि नहीं बांट रही. पिछले साल बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मनरेगा के तहत 2,500 करोड़ रुपए की राशि केंद्र ने बंगाल को जारी नहीं किए हैं. केंद्र पर उन्होंने राज्य के प्रति सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा, कुछ लोगों को मनरेगा योजना के तहत राशि नहीं मिल रही है क्योंकि केंद्र ने पैसे मुहैया नहीं कराए हैं. यह उनका पैसा नहीं है, यह आम आदमी का पैसा है.

जबकि कुछ ऐसे भी प्रदेश हैं जहां मनरेगा की राशि शत- प्रतिशत बांटे जाने की खबरें आईं. पिछले साल मध्य प्रदेश में मनरेगा की कुल राशि बांट दी गई जैसा कि सरकार ने इसका दावा किया. सरकार ने बताया कि भारत सरकार की ओर से मंजूर राशि में से 20 अप्रैल 2018 तक की पेंडिंग पड़ी मजदूरी का भुगतान कर दिया गया है. इसके लिए राज्य सरकार ने कुल 270 करोड़ रुपए की राशि जारी की थी. वहीं 20 अप्रैल के बाद काम कर रहे मजदूरों की मजदूरी के भुगतान का काम जारी है.

इसी तरह बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अब प्रत्येक पंचायत के विकास के लिए हर साल लगभग एक करोड़ रुपए अतिरिक्त राशि मिल रही है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने बिहार को पिछली बार (2010-15) की 4,810 करोड़ से 2015-20 में 21 हजार करोड़ करीब पांच गुना अधिक राशि देने का प्रावधान किया है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली 18,520 करोड़ के साथ पंचायतों को पांच साल में कुल 39,520 करोड़ की राशि मिलेगी.

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