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INDvsAUS: धोनी को केवल 500 डॉलर, टीम इंडिया को नगद पुरस्कार भी न मिलने पर भड़के गावस्कर

 टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में पहले टेस्ट सीरीज और फिर वनडे सीरीज जीतकर इतिहास रच दिया है. विराट कोहली की कप्तानी में टीम ने ऑस्ट्रेलिया में ही क्रिकेट इतिहास में पहली बार कोई द्वीपक्षीय वनडे सीरीज जीती है.यह जीत टीम इंडिया के लिए रिकॉर्ड के अलावा भी कई तरह से खास रही जिसमें पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का फॉर्म में वापस आना सबसे ज्यादा उल्लेखनीय रहा. पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने मेजबान ऑस्ट्रेलिया को इस बात के लिये लताड़ा कि उसने भारतीय टीम के ऐतिहासिक सीरीज जीतने के बाद कोई नकद पुरस्कार की घोषणा नहीं की.

धोनी ने तीन मैचों में तीन फिफ्टी लगाकर मैन ऑफ द सीरीज का खिताब मिला लेकिन उन्हें भी नगद पुरस्कार राशी के नाम पर केवल 500 डॉलर ही मिले. गावस्कर ने ईनामी राशी को लेकर कहा कि खिलाड़ी उस राजस्व के हिस्सेदार हैं जिससे बनाने में मदद करते हैं. भारत ने ऑस्ट्रेलिया में उसको पहली बार द्विपक्षीय वनडे सीरीज में 2-1 से हराया. मैन आफ द मैच युजवेंद्र चहल और मैन आफ द सीरीज महेंद्र सिंह धोनी को मैच के बाद 500-500 डालर दिए गए.

टीम इंडिया को मिली केवल ट्रॉफी, नगद पुरस्कार कुछ नहीं
खिलाड़ियों ने यह इनामी राशि दान में दे दी. टीम को पूर्व बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने महज विजेता ट्राफी प्रदान की. गावस्कर ने मेजबानों की आलोचना की कि उन्हें कोई नकद पुरस्कार नहीं दिया गया. गावस्कर ने कहा, ‘‘500 डालर क्या हैं, यह शर्मनाक है कि टीम को सिर्फ एक ट्राफी मिली. वे (आयोजक) प्रसारण अधिकारों से इतनी राशि अर्जित करते हैं. वे खिलाड़ियों को अच्छी इनामी राशि क्यों नहीं दे सकते? आखिरकार खिलाड़ी ही खेल को इतनी राशि (प्रायोजकों से) दिलाते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘विम्बलडन चैम्पियनशिप में दी जाने वाली राशि को देखिये.’’

इस सीरीज में धोनी ने लंबे समय के बाद अपना फॉर्म वापस पाते हुए शानदार लेकिन संवेदनशील बल्लेबाजी की. धोनी ने इस सीरीज के तीनों मैचों में फिफ्टी तो लगाई लेकिन वे पहले मैच में 96 गेंदों में 51 रन बनाकर आउट हो गए थे और टीम को जीत नहीं दिला सके. इस मैच में रोहित शर्मा के शानदार शतक के बावजूद टीम इंडिया को 34 रनों से हार का सामना करना पड़ा था. मैच के बाद धोनी की धीमी बल्लेबाजी की आलोचना भी हुई थी. हालांकि टीम सहित ज्यादातर विशेषज्ञों ने धोनी की पारी को जरूरत के मुताबिक बढ़िया पारी करार दिया था. इस मैच में 289 रनों का पीछा करने उतरी टीम इंडिया के पहले चार ओवर में केवल 4 रन पर तीन विकेट गिर गए थे जिससे टीम पर काफी दबाव आ गया था.

धोनी ने इस सीरीज के आखिरी दो मैचों में धोनी ने हाफ सेंचुरी तो लगाई, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने टीम को जीत दिलाते हुए खुद का विकेट भी नहीं गंवाया. आखिरी वनडे में तो धोनी को दो जीवनदान भी मिले और एक बार आउट होने के बाद भी उनके खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ने अपील नहीं की थी. धोनी ने इस मैच में 114 गेंदों पर छह चौकों की मदद से केवल 87 रनों की पारी खेली थी.

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