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पांड्या-राहुल के पक्ष में उतरे BCCI के कार्यवाहक अध्यक्ष, मिल सकता है न्यूजीलैंड में खेलने का मौका

महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद निलंबित चल रहे हार्दिक पांड्या और केएल राहुल को धीरे-धीरे पूर्व क्रिकेटरों से लेकर बीसीसीआई (BCCI) तक का समर्थन मिलने लगा है. बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने शनिवार (19 जनवरी) को प्रशासकों की समिति (सीओए) से पांड्या और राहुल पर लगे बैन को हटाने का आग्रह किया. उन्होंने इस मामले में विशेष आम बैठक (एसजीएम) बुलाने से इंकार कर दिया.

टेस्ट क्रिकेटर रह चुके सीके खन्ना ने कहा कि बोर्ड अधिकारियों की इन दोनों खिलाड़ियों के व्यवहार की जांच के लिए लोकपाल नियुक्त करने के लिए एसजीएम बुलाने की मांग सही नहीं है क्योंकि कोर्ट में अगले सप्ताह इस मामले पर सुनवाई होनी है. खन्ना ने बीसीसीआई को संचालन कर रहे सीओए को पत्र में लिखा, ‘उन्होंने (पांड्या-राहुल) गलती की और उन्हें पहले ही निलंबित किया जा चुका है और ऑस्ट्रेलिया से वापस बुलाया गया. उन्होंने बिना शर्त माफी भी मांग ली है.’

सीके खन्ना ने कहा, ‘मेरा सुझाव है कि जांच लंबित रहने तक हमें दोनों क्रिकेटरों को तुरंत प्रभाव से भारतीय टीम में शामिल करना चाहिए. उन्हें जल्द से जल्द न्यूजीलैंड में टीम से जुड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए.’ सीओए चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट पांड्या और राहुल के भाग्य का फैसला करने के लिए लोकपाल की नियुक्ति करे. वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में नहीं खेल पाए थे और उनका न्यूजीलैंड सीरीज से भी बाहर रहना तय है. माना जा रहा है कि खन्ना के एजीएम नहीं बुलाने के फैसले और खेलने देने की मांग के बाद पांड्या और राहुल का पक्ष मजबूत हो सकता है. अगर जांच ज्यादा दिनों तक चलती है तो उन्हें खेलने का मौका भी मिल सकता है.

इन दोनों को कई महिलाओं के साथ संबंध बनाने और कार्यक्रम में इसको लेकर मजाक उड़ाने की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी. लगभग 14 राज्य इकाइयों, जिनमें अधिकतर बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के वफादार हैं, ने खन्ना से आपात एसजीएम बुलाने का आग्रह किया है, जिसे दस दिन के समय में बुलाना होता है.

कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी ने भी खन्ना को पत्र लिखकर जल्द से जल्द एसजीएम बुलाने का आग्रह किया है ताकि बोर्ड के सदस्य लोकपाल की नियुक्ति पर फैसला कर सकें. खन्ना ने अपने पत्र में लिखा है कि क्योंकि मामला अभी कोर्ट के अधीन है, इसलिए वह इंतजार करना चाहेंगे.
सीके खन्ना ने चौधरी के जवाब में कहा, ‘बीसीसीआई के संविधान के अनुसार लोकपाल की नियुक्ति वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में की जा सकती है और इसके अलावा मामला न्यायालय के अधीन है.’ खन्ना ने इस पर बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी की राय भी जाननी चाही और उन्होंने भी लोकपाल की नियुक्ति को लेकर नए संविधान के अनुच्छेद 40 का हवाला दिया.

बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘खन्ना या अमिताभ विशेष आम बैठक बुलाने के लिए नोटिस पर क्यों हस्ताक्षर करें जबकि मामला कोर्ट के अधीन है. इसमें अदालत की अवमानना का जोखिम बना रहेगा.’ इससे पहले पूर्व कप्तान सौरव गांगुली भी कह चुके हैं कि पांड्या और केएल राहुल को खेलने का मौका मिलना चाहिए. उन्होंने साथ ही कहा कि यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे दोबारा ऐसी गलती ना करें.

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