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Karnataka crisis: कर्नाटक में संकट बरकरार, कुमारस्वामी बोले- चाहूं तो 48 घंटे में BJP से छीन लूं उनके विधायक

नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन पर संकट बरकरार है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने शनिवार को राज्य की गठबंधन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि गठबंधन के इन सहयोगियों के बीच गहरे मतभेद हैं जो जल्द ही सामने आ सकते हैं. कांग्रेस के कुछ विधायकों का कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक से दूर रहना इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में ज्वालामुखी कभी भी फट सकता है. दूसरी ओर, कोलकाता में ममता बनर्जी की रैली में शामिल होने आए मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि सरकार अगले 48 घंटों में बीजेपी से विधायक छीन लेगी.

48 घंटों में बीजेपी से छुड़ा लेंगे अपने विधायकः CM

कोलकाता में ममता बनर्जी की रैली में शामिल होने आए मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने ऑफ कैमरा बात करते हुए दावा किया कि अगले 48 घंटों में वे बीजेपी से उनके विधायक छीन लेंगे. उनकी सरकार को किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है. कुमारस्वामी ने कहा कि बीजेपी हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है. हम अपने विधायकों के संपर्क में हैं और हमारे पास पर्याप्त नंबर है.

उन्होंने आगे कहा कि हम किसी से मिलने का प्रयास नहीं कर रहे हैं. ऐसी कोशिशें उनकी ओर से की जा रही है. हम बीजेपी से 48 घंटों में विधायक छीन लेंगे. उन्होंने कहा कि वे अगले लोकसभा चुनाव में अपने भविष्य को लेकर डरे हुए हैं और इसलिए कर्नाटक में समस्याएं खड़ी कर रहे हैं. उन्होंने जेडीएस और कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे आंकड़े नहीं जुटा पाएंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता येदियुरप्पा ने शुक्रवार को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में कांग्रेस के चार विधायकों शामिल नहीं होने के बाद कहा था कि गठबंधन में गहरे मतभेद हैं. सीएलपी के बाद कांग्रेस ने दावा किया था कि विधायक दल की बैठक में 79 में से 76 विधायक मौजूद रहे. यह बैठक कांग्रेस ने अपने शक्ति प्रदर्शन के इरादे से बुलाई थी. येदियुरप्पा ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक से कांग्रेस विधायकों की गैरमौजूदगी उनके विधायकों में फैले प्रचंड गुस्से और रोष को दिखाती है. कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने जिस लहजे में पार्टी विधायकों को चेतावनी दी थी, उससे उनकी हताशा और डर का पता चलता है.

खौफ में हैं सिद्धारमैयाः येदियुरप्पा

दूसरी ओर, येदियुरप्पा ने सिद्धारमैया पर हमला करते हुए कहा कि आपने जिस तरह से विधायकों को बैठक में शामिल नहीं होने पर नोटिस भेजा है, उससे आपकी हताशा के बारे में पता चलता है. इससे पता चलता है कि आप खौफ में हैं. अगर विधायकों के साथ आपका सौहार्दपूर्ण रिश्ता है तो आपने नोटिस में यह क्यों लिखा कि उन पर दलबदल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.

मालूम हो कि शुक्रवार को कांग्रेस की बैठक में जो तीन विधायक शामिल नहीं हुए उनके नाम रमेश जरकीहोली, महेश कुमातहल्ली और उमेश जाधव हैं. विधायक उमेश जाधव ने इस बैठक में नहीं पहुंचने पर सफाई देते हुए सिद्धारमैया को पत्र लिखकर कहा कि उनकी सेहत खराब होने की वजह से वो यात्रा करने में असमर्थ हैं, जिसके चलते तो बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे.

इनके अलावा बी. नागेन्द्र नाम के विधायक भी बैठक में शामिल नहीं हुए. उन्होंने कहा कि एक अदालती मामले की वजह से वह विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे. इसके बाद सिद्धारमैया ने कहा था कि बैठक में गैरहाजिर रहने वाले विधायकों को पार्टी कारण बताओ नोटिस भेजेगी.

कांग्रेस की संस्कृति

येदियुरप्पा ने कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल की उस टिप्पणी की भी आलोचना की कि कर्नाटक में वर्ष 2008 में ऑपरेशन लोटस शुरू हुआ था. येदियुरप्पा ने कहा कि यह कांग्रेस ही थी जिसने ‘आया राम गया राम’ संस्कृति की शुरुआत की थी. विधायकों की इस दलबदलू प्रवृत्ति का अन्य दलों पर भी असर पड़ा. उन्होंने कहा कि वर्ष 1967 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा था कि ‘गया राम अब आया राम बन गया है’. इसी साल उनकी संयुक्त मोर्चा सरकार का एक विधायक पार्टी में शामिल हुआ और 15 दिन के अंतराल में उसने तीन बार कांग्रेस छोड़ी थी.

येदियुरप्पा  ने कहा कि बेहतर यह होगा कि सिद्धारमैया और वेणुगोपाल अपने राजनीतिक इतिहास का अध्ययन करें और यह पता करें कि हरियाणा में क्या हुआ था जब कांग्रेस ने जनता पार्टी के 36 विधायकों की मदद से भजनलाल की सरकार बनाई थी. येदियुरप्पा ने कहा कि कांग्रेस ने ही यह संस्कृति शुरू की. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सिद्धारमैया यह भूल गए हैं कि वह भी इसी संस्कृति के तहत कांग्रेस में शामिल हुए. भारतीय जनता पार्टी को सत्ता का लालच नहीं है.

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