नई दिल्ली। अयोध्या मसले पर सुनवाई एक बार फिर टल गई. इस मामले में मंगलवार 29 जनवरी को सुनवाई होनी थी, लेकिन इसके लिए बनाई गई बैंच में शामिल जस्टिस बोबड़े के उपलब्ध न होने पर अब ये सुनवाई आगे के लिए टल गई है. अभी इस मामले में सुनवाई के लिए तारीख भी तय नहीं हुई है. इससे पहले पीठ के गठन और जस्टिस यूयू ललित के हटने के कारण भी सुनवाई में देरी हुई थी.
इससे पहले 25 जनवरी को अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने नई बेंच का गठन कर दिया था. इस बैंच में CJI रंजन गोगोई के अलावा एसए बोबडे, जस्टिस चंद्रचूड़, अशोक भूषण और अब्दुल नज़ीर शामिल हैं. पिछली बैंच में किसी मुस्लिम जस्टिस के न होने से कई पक्षों ने सवाल भी उठाए थे.
इससे पहले बनी पांच जजों की पीठ में जस्टिस यूयू ललित शामिल थे, लेकिन उन पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने सवाल उठाए थे. इसके बाद वह उस पीठ से अलग हो गए थे. इसके बाद चीफ जस्टिस ने नई पीठ गे गठन का फैसला किया था.
नई बेंच में शामिल किए गए जज जस्टिस भूषण और जस्टिस नज़ीर पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की तीन जजों की बेंच में थे, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस की शुरूआती सुनवाई की थी. सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने मांग की थी की इस मामले को जस्टिस दीपक मिश्रा की तीन जजों की बजाय 5 जजों की बेंच से करवाई जाए. तब तीन जजों की पुरानी बेंच में दो-एक के बहुमत के फैसले से मामले के 5 जजों को भेजे जाने की मांग को ठुकरा दिया गया था. तब जस्टिस भूषण ने वह जजमेंट लिखी थी, जिसमें चीफ जस्टिस मिश्रा और जस्टिस भूषण ने मुस्लिम पक्ष की मांग को ग़लत बताया गया था, जबकि जस्टिस नज़ीर ने उस जजमेंट में मुस्लिम पक्ष की माँग को सही बताते हुए मामले को पाँच जजों की बेंच को भेजने की बात कही थी, इसके बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा रिटायर हो गए थे.
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