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जानिए किस वजह से बंगाल में मचा कोहराम, CBI ने मारा छापा तो पुलिस ने जबरन किया गिरफ्तार

नई दिल्ली/कोलकाता। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों की एक टीम चिटफंड घोटालों के मामलों में पूछताछ की खातिर कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के आवास पर पहुंची, लेकिन वहां तैनात कर्मियों ने सीबीआई टीम को आवास में दाखिल होने से रोक दिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि हंगामे के बीच उस वक्त टकराव के हालात पैदा हो गए जब कोलकाता पुलिस के कुछ कर्मी सीबीआई के कुछ अधिकारियों को जबरन पास के एक पुलिस थाने में ले गए. पुलिस आयुक्त कुमार के पक्ष में खुलकर उतर आईं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मध्य कोलकाता में कुमार के लाउडन स्ट्रीट स्थित आवास पहुंच गईं.

सीबीआई ने शनिवार को दावा किया था कि कुमार ‘‘फरार’’ चल रहे हैं और शारदा एवं रोज वैली चिटफंड घोटालों के सिलसिले में उनकी ‘‘तलाश’’ की जा रही है. इस दावे के एक दिन बाद सीबीआई के करीब 40 अधिकारियों-कर्मियों की एक टीम आज शाम कुमार के आवास पर पहुंची, लेकिन उन्हें संतरियों एवं कर्मियों ने बाहर ही रोक दिया.

कुछ ही देर बाद कोलकाता पुलिस के अधिकारियों की एक टीम सीबीआई अधिकारियों से बातचीत के लिए मौके पर पहुंची और यह पता लगाने की कोशिश की कि क्या उनके पास कुमार से पूछताछ करने के लिए जरूरी दस्तावेज थे. पुलिस आयुक्त के आवास के बाहर खड़े सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘हम इस मुद्दे पर अभी कोई बात नहीं करना चाहते.

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देखते हैं कि क्या होता है. थोड़ा इंतजार करें.’’ बाद में सीबीआई अधिकारियों की एक छोटी सी टीम को चर्चा के लिए शेक्सपियर सरनी पुलिस थाने ले जाया गया. इसके बाद कुछ और लोग मौके पर पहुंचे और हंगामा पैदा हो गया.  फिर सीबीआई अधिकारियों को जबरन पुलिस थाने ले जाया गया. इस घटना के बारे में सूचित किए जाने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौके पर पहुंच गईं.

वह पहले ही कुमार के प्रति अपना समर्थन व्यक्त कर चुकी थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ‘‘पुलिस एवं अन्य सभी संस्थाओं पर नियंत्रण हासिल करने के लिए सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रही है.’’ सीबीआई के मुताबिक, चिटफंड घोटालों की जांच के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गठित एसआईटी की अगुवाई कर चुके आईपीएस अधिकारी कुमार से गायब दस्तावेजों और फाइलों के बाबत पूछताछ करनी है, लेकिन उन्होंने जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए जारी नोटिसों का कोई जवाब नहीं दिया है.

सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार ने चुनावी तैयारियों की समीक्षा के लिए पिछले दिनों कोलकाता आए चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था. रविवार को कोलकाता पुलिस ने एक बयान जारी कर उन खबरों को सिरे से खारिज किया था कि कुमार ड्यूटी से गायब हैं.

पुलिस ने अपने बयान में कहा था, ‘‘कृपया गौर करें कि कोलकाता के पुलिस आयुक्त न केवल शहर में उपलब्ध हैं बल्कि नियमित आधार पर दफ्तर भी आ रहे हैं. सिर्फ 31 जनवरी 2019 को वह दफ्तर नहीं आए, क्योंकि उस दिन उन्होंने अवकाश लिया था. सभी संबंधित पक्ष कृपया गौर करें कि यदि उचित जांच के बगैर कोई खबर फैलाई जाती है तो कोलकाता पुलिस, कोलकाता के पुलिस आयुक्त एवं कोलकाता पुलिस दोनों की मानहानि के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी.’’

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