गांधी परिवार की अहम सदस्य प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतारने के बाद कांग्रेस उत्तर प्रदेश में मिशन 20 योजना को अंतिम रूप देने में जुट गई है। इस कड़ी में पार्टी दलित-मुस्लिम बाहुल्य के साथ-साथ परंपरागत सीटों पर पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी। पार्टी में सर्वाधिक माथापच्ची प्रियंका की चुनावी सीट को ले कर हो रही है। इस कड़ी में फिलहाल चार सीटों रायबरेली, अमेठी, लख्ननऊ और वाराणसी की सीट पर मंथन का दौर जारी है।
यूपीए 2 सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे सूबे के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक पार्टी राज्य की अधिकतर सीटों पर फोकस करने के बदले चुनिंदा दो दर्जन सीटों पर फोकस करेगी। इसमें मुख्यत: दलित-मुस्लिम बाहुल्य और पार्टी की परंपरागत रही सीटें होंगी। पार्टी की योजना लोकसभा चुनाव में उल्लेखनीय प्रदर्शन कर 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी करने की है। इसके लिए पार्टी ने कभी अपने परंपरागत मतदाता रहे दलितों-मुसलमानों और अगड़ों को साधने की योजना बनाई है। पार्टी इसी समीकरण की बदौलत राज्य की सत्ता में दशकों तक काबिज रही थी।
पार्टी में फिलहाल सर्वाधिक मंथन प्रियंका की चुनावी सीट को ले कर हो रहा है। कोशिश है कि उनके लिए ऐसी सीट चुनी जाए जिससे सूबे के साथ-साथ पूरे देश में एक बड़ा संदेश जाएा। इस कड़ी में जिन चार सीटों को विकल्प के तौर पर चुना गया है उसमें अमेठी, रायबेरली, लखनऊ और वाराणसी की सीट शामिल हैं। उक्त पूर्व केंद्रीय मंत्री के मुताबिक पार्टी का एक मजबूत धड़ा पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को चुनावी राजनीति में बनाए रखना चाहता है। सोनिया के नहीं मानने पर प्रियंका कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सीट अमेठी तो राहुल सोनिया की सीट रायबरेली से लड़ सकती हैं।