लखनऊ। प्रियंका गांधी की उत्तर प्रदेश की सियासत में एंट्री के साथ सूबे के राजनीतिक समीकरण बदलने लगे हैं. जबकि एक समय था जब सपा-बसपा ने कांग्रेस को दरकिनार कर गठबंधन का ऐलान किया था. उन्होंने कांग्रेस को लेकर सख्त तेवर दिखाए थे प्रियंका की राजनीति में एंट्री के साथ सपा-बसपा के तेवर भी नरम दिख रहे हैं और अब कांग्रेस के साथ समझौते के मूड में दिख रही हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सोमवार को इसके संकेत दिए हैं. सपा-बसपा गठबंधन में अगर कांग्रेस भी शामिल होती है तो फिर बीजेपी का सूबे से पूरी तरह सफाया हो जाएगा.
इंडिया टुडे का Mood of the nation (MOTN) ने पहले ही अपने सर्वे में कहा था कि अगर यूपी में सपा-बसपा और कांग्रेस एक साथ मिलकर चुनावी रण में उतरती हैं तो बीजेपी सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से महज 5 सीटों पर सिमटकर रह जाएगी.
प्रियंका की राजनीतिक एंट्री के साथ कांग्रेस के हौसले भी बुलंद हो गए. पार्टी नेता और कार्यकर्ता जोश में हैं. प्रियंका गांधी जिस समय सूबे की राजधानी लखनऊ में रोड शो कर रही थी. उसी दौरान अखिलेश यादव फिरोजबाद में थे और उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस, आरएलडी और निषाद पार्टी भी शामिल हैं.
सूत्रों की मानें तो सपा-बसपा ने सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को 15 सीटों का ऑफर दे दिया है, लेकिन अब पार्टी ने सीटों की डिमांड बढ़ा दी है. कांग्रेस 15 की बजाय 25 सीटों की मांग रही है. लेकिन इस पर सपा-बसपा सहमत नहीं हैं.
जबकि पिछले महीने बीजेपी के विजय रथ को उत्तर प्रदेश में रोकने के लिए सपा-बसपा ने कांग्रेस को दरकिनार करते हुए गठबंधन का ऐलान किया था. इस दौरान उन्होंने सूबे की 80 लोकसभा सीटों में 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था. इसके अलावा दो सीटें गठबंधन की अन्य पार्टियों के लिए छोड़ने का फैसला किया था. वहीं, अमेठी-रायबरेली में कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया था.
हालांकि प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री के साथ सियासी समीकरण बदलने लगे हैं. अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस को गठबंधन का हिस्सा बताया है. ऐसे में अगर कांग्रेस इस पर राजी हुई और मिलकर चुनावी मैदान में उतरती है तो फिर सूबे की नतीजे बीजेपी के लिए उल्टे पड़ जाएंगे.
इंडिया टुडे का Mood of the nation (MOTN) सर्वे इस बात को और मजबूत कर रहे हैं. सर्वे के मुताबित यूपी में सपा-बसपा और कांग्रेस एक साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरती है तो बीजेपी को महज 5 सीटों पर सिमट जाएगी. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन को 73 सीटें मिली थी और अकेले बीजेपी 71 सीटें जीतने में सफल रही थी.
सर्वे के मुताबिक बीजेपी का वोट शेयर 2014 के 43.3 फीसदी से घटकर 36 फीसदी रह जाएगा लेकिन उसे मिलने वाली सीटें 73 की बजाय महज 5 सीट तक सिमट जाएंगी. बाकी की 75 सीटें बीएसपी, एसपी, कांग्रेस और आरएलडी के खाते में जा सकती हैं.