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कौन है आतंकवादी आदिल अहमद डार, जिसने दिया सबसे बड़े आतंकी हमले को अंजाम

नई दिल्‍ली/श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने आत्‍मघाती हमले को अंजाम देते हुए विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी. इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए. इस आत्‍मघाती हमले की जिम्‍मेदारी जैश-ए-मोहम्‍मद ने ली है. गौर करने वाली बात ये है कि इस आत्‍मघाती हमले को अंजाम देने वाला आतंकवादी पाकिस्‍तान से नहीं है. वह घाटी का ही रहने वाला है.

इस आतंकी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर हुई है. पुलिस ने बताया कि आदि‍ल अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था. वह तभी से घाटी में बड़े आतंकी हमले की फिराक में था. सुरक्षाबलों का कहना है कि आदिल को कुछ दिनों पहले एक ऑपरेशन के दौरान घेर भी लिया गया था. लेकिन वह किसी तरह बच निकला था.

इस हमले के बाद जैश ए मोहम्‍मद ने आदिल डार का एक वीडियो जारी किया. कहा जा रहा है कि इस वीडियो को इस आत्‍मघाती हमले के पहले ही शूट किया गया. इस वीडियो में आदिल के पीछे जैश ए मोहम्‍मद का बैनर दिख रहा है. इसमें हव खुद तमाम हथियारों से लैस है. इस हमले के बाद जैश के प्रवक्‍ता मोहम्‍मद हसन ने दावा किया है कि इस हमले में सेना के कई वाहन नष्‍ट कर दिए गए हैं.

इससे पहले जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर गुरुवार को आतंकियों द्वारा किए गए एक आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 18 जवान शहीद हो गए और 45 अन्य घायल हुए हैं. पुलिस ने कहा कि आतंकियों ने यहां से करीब 30 किलोमीटर दूर लेथपोरा इलाके में अपरान्ह करीब सवा तीन बजे सीआरपीएफ बस को निशाना बनाकर आईईडी विस्फोट किया.

धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास बिखरे क्षत-विक्षत शवों को देखा जा सकता है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विस्फोट की घटना श्रीनगर जम्मू राजमार्ग पर अवंतिपुरा इलाके में हुई. रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों ने आईईडी में विस्फोट करने के बाद सीआरपीएफ बस पर स्वचलित हथियारों से गोलियां भी बरसाईं. जम्मू एवं कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने 10 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की पुष्टि की और कहा कि यह एक आत्मघाती हमला हो सकता है. खुद को जेईएम का प्रवक्ता बताने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने स्थानीय समाचार एजेंसी जीएनएस को दिए एक बयान में कहा कि यह संगठन द्वारा किया गया एक फिदायीन हमला था.

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