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J&K: दोपहर 3.37 बजे कैसे हमले को अंजाम दिया गया, सिलसिलेवार जानिए उस मनहूस घड़ी का पूरा ब्यौरा

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने साल 2019 का सबसे बड़ा हमला किया है. आतंकियों ने सीआरपीएफ की बस को आईडी ब्लास्ट से उड़ा दिया. अब तक करीब 18 जवान शहीद हो चुके हैं और 35 जवान जख्मी हैं. हमला इतना खतरनाक था कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए और कई जवानों के अंग तक विक्षिप्त हो गए. जिस फिदायीन गाड़ी का इस्तेमाल पुलवामा के आत्मघाती आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए किया गया उसमें 200 किलो से ज्यादा विस्फोटक भरा हुआ था. जिस मनहूस घड़ी में ये हमला हुआ है इससे जुड़ी हर जानकारी यहां सिलसिलेवार पढ़िए-

CRPF की करीब 78 गाड़ियां और 2547 जवान थे
जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के जवानों की 54वीं बटालियन पर ये हमला आतंकियों ने 3 बजकर 37 मिनट पर पुलवामा के अवंतीपुरा में लातू मोड़ पर किया. ये हमला उस वक्त हुआ जब सीआरपीएफ के जवानों को श्रीनगर से पुलवामा ले जाया जा रहा था. इस काफिले में सीआरपीएफ की करीब 78 गाड़ियां थीं और 2547 जवान उसमें सवार थे. इस काफिले में सीआरपीएफ की 54वीं, 179वीं और 34वीं बटालियन एक साथ जा रही थीं.

पांच किलोमीटर दूर तक सुनाई दी विस्फोट की आवाज
खबरों के मुताबिक एक छोटी गाड़ी में फिदायीन हमलावर बैठा हुआ था और वो विस्फोटक से भरी गाड़ी लेकर बस से टकरा गया. इस ब्लास्ट के बाद आतंकियों ने फायरिंग भी की. इस घटना के बाद जम्मू-श्रीनगर हाईवे को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. विस्फोट इतना तेज था कि उसकी आवाज तकरीबन पांच किलोमीटर दूर तक सुनाई दी. आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड अटैक भी किया.

बता दें कि हाईवे पर सुबह 8 बजे से लेकर रात 8 बजे तक सुरक्षाबल तैनात रहते हैं. लेकिन इसके बाद भी इतना बड़ा हमला होना सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है. इस तरह की मूवमेंट के दौरान भी चार से पांच गाड़ियां काफिले की सुरक्षा के लिए चलती हैं. इसके अलावा कुछ जवान पैदल चलते हुए भी इसकी निगरानी रखते हैं कि कहीं कोई आतंकी काफिले में घुसने की कोशिश तो नहीं कर रहा है.

जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली
जैश-ए-मोहम्मद ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है. जिस आतंकी ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले को अंजाम दिया है, उसकी तस्वीर जारी कर दी गई है. आतंकी आदिल अहमद ने ये हमला किया है. उसकी तस्वीर पर जैश-ए-मोहम्मद लिखा हुआ है. जैश-ए-मोहम्मद ने दावा किया है कि ये एक फिदायीन हमला था. 2004 के बाद से जम्मू-कश्मीर में फिदायीन हमला नहीं हुआ था.

सीआरपीएफ के आईजी ने कहा कि ये आतंकी हमला है और इसकी पुष्टि की जा रही है. इस हमले में जवानों की मौत हुई है और सीआरपीएफ के वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है. हमले में घायल सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. जवानों की मौत के आंकड़े के बारे में अभी पूरी तरह से नहीं कहा जा सकता है. खबरों के मुताबिक खुफिया एजेंसियों ने कई अलर्ट जारी किए थे कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले हो सकते हैं.

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