Thursday , April 25 2024

अखिलेश यादव ने पुलवामा आतंकी हमले को राजनीति से जोड़ा, लोगों ने कर दिया ट्रोल

लखनऊ। जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 39 जवान शहीद हो गए. जम्मू-कश्मीर नेशनल हाइवे पर यह हमला हुआ. कई जवानों की हालत गंभीर है. अधिकारियों के अनुसार जैश के आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी. उधर, इस हमले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हमले को राजनीति से जोड़ा तो लोगों ने उन्हें ट्रोल कर दिया.

अखिलेख ने अपने ट्वीट में कहा, “जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को आत्मिक नमन. जम्मू-कश्मीर में जिस प्रकार हालात बेक़ाबू हो रहे हैं, उससे पूरे देश में आक्रोश जन्म ले रहा है. भाजपा सरकार को चुनावी राजनीति छोड़कर देशहित में सक्रिय होना चाहिए.” पूर्व मुख्यमंत्री का ट्वीट लोगों को रास नहीं आया और उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया.

Akhilesh Yadav

aastha tweet

डॉ. विजय शर्मा ने लिखा, “शर्म आनी चाहिए, इस पर भी राजनीति?? आज भी भजपा और कांग्रेस कर रहे है??? बहुत धूर्त है आप”

अनिष्ट देव ने लिखा, “शहीदों के लिए पहली बार एक ट्वीट किए और उसमें भी राजनीति कर भाजपा को कोसना बन्द नही किये….’ इससे अच्छा तो बोलते की हम सरकार के साथ है … आतंकियों पर कड़ी करवाई करो’

78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे 2500 से अधिक कर्मी
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे. इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपने काम पर वापस लौट रहे थे. जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में लाटूमोड पर इस काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया. पुलिस ने आत्मघाती हमला करने वाले वाहन को चलाने वाले आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था. हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है.

अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है. यह हमला श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर हुआ है. धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास बिखरे क्षत-विक्षत शवों को देखा जा सकता है.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch