Friday , November 22 2024

पुलवामा आतंकी हमले को लेकर भारत ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब किया

नई दिल्ली। भारत ने पुलवामा में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन के हमले में लगभग 40 सीआरपीएफ जवानों की मौत पर कड़ा विरोध जताते हुये पाकिस्तान के शीर्ष राजदूत को तलब किया और सख्त आपत्तिपत्र (डिमार्शे) जारी किया. सूत्रों ने बताया कि विदेश सचिव ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को शुक्रवार दोपहर 2 बजे विदेश मंत्रालय में तलब किया और गुरुवार को पुलवामा में आतंकी हमले पर सख्त आपत्तिपत्र जारी किया .

विदेश सचिव ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को बताया कि पाकिस्तान जैश ए मोहम्मद के खिलाफ तत्काल एवं प्रमाणिक कार्रवाई करे .सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी उच्चायुक्त से कहा गया कि पाकिस्तान अपने क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधि चलाने वाले संगठनों एवं लोगों को तत्काल रोके .

विदेश सचिव ने गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा दिये गये बयान को खारिज कर दिया.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पुलवामा में आतंकी संगठनों और उनके आकाओं ने जो हैवानियत दिखाई है, उसका पूरा हिसाब लिया जाएगा तथा सुरक्षा बलों को आगे की कार्रवाई, समय, स्थान और स्वरूप तय करने की पूरी इजाजत दी गई है.

प्रधानमंत्री ने यहां एक कार्यक्रम में पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा , ‘‘ आज देश बहुत ही उद्वेलित और दुःखी है. पुलवामा में आतंकियों ने जो कायरतापूर्ण हमला किया है, उससे पूरे देश में आक्रोश है. मैं साफ़ कह देना चाहता हूं कि हमारे वीरों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.’’

मोदी ने कहा कि हमारे पडोसी देश के लिए रोजमर्रा का खर्चा तक चलाना मुश्किल हो गया है, वह दुनिया में भीख का कटोरा लेकर घूम रहा है. पुलवामा जैसी तबाही मचाकर, वह हमें भी बदहाल करना चाहता है. लेकिन उसके इस मंसूबे का हम सब देशवासी मिलकर मुंहतोड़ जवाब देंगे .

उन्होंने कहा, ‘‘ सुरक्षा बलों को आगे की कार्रवाई के लिए, समय क्या हो, स्थान क्या हो और स्वरूप कैसा हो, ये तय करने के लिए पूरी इजाजत दे दी गई है . ’’ आतंकवादियों एवं उनके सरपरस्तों को कड़ा संदेश देते हुए मोदी ने कहा कि आतंकी संगठनों और उनके आकाओं ने जो हैवानियत दिखाई है, उसका पूरा हिसाब लिया जाएगा .

उन्होंने कहा, ‘‘ पुलवामा हमले के गुनाहगारों को उनके किये की सजा जरूर मिलेगी. हमारा पड़ोसी देश ये भूल रहा है कि ये नई रीति और नई नीति वाला भारत है. आतंकी संगठनों और उनके आकाओं ने जो हैवानियत दिखाई है, उसका पूरा हिसाब किया जाएगा .’’ उन्होंने कहा कि ये धरती गवाह है कि मां भारती की रक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है. ये धरती मणिकर्णिका के शौर्य की भूमि है जिन्होंने झांसी की रानी के रूप में देश की आजादी के आंदोलन को नई प्रेरणा दी .

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