नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में विदेश राज्यमंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने कश्मीर में आतंक को लेकर बड़ा बयान दिया है. उनके इस बयान से मोदी सरकार पर सवाल खड़े हो गए हैं. जनरल वी के सिंह ने कहा है कि साल 2012 के बाद से दक्षिण कश्मीर में हालात बिगड़े हैं. उन्होंने कहा है कि इसपर विचार होना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ.
2005 से 2012 तक दक्षिण कश्मीर में शांत थे हालात- वीके सिंह
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के दौरे पर गए जनरल वीके सिंह ने कहा, ‘’इस बात का विश्लेषण होना चाहिए कि 2012 के बाद दक्षिण कश्मीर में हालात क्यों खराब हुए.’’ वीके सिंह ने यह भी कहा है कि दक्षिण कश्मीर में 2005 से 2012 तक हालात शांत थे.
वीके सिंह ने पूर्व में गठबंधन में रही बीजेपी-पीडीपी सरकार पर खड़े किए सवाल
दक्षिण कश्मीर की स्थिति को लेकर वीके सिंह ने सीधा पूर्व में गठबंधन में रही बीजेपी-पीडीपी सरकार पर सवाल खड़े किए. वीके सिंह ने कहा, ‘’जब गठबंधन सरकार आई तब एक पार्टी को घाटी में अधिक समर्थन मिला, दूसरे को जम्मू में अधिक समर्थन मिला.’’ उन्होंने कहा, ‘’जिन्हें घाटी में समर्थन हासिल था उनकी नीतियों का विश्लेषण करना ज़रूरी है. यह देखा जाना चाहिए कि क्या नीतियां एक समग्र विफलता थी या कुछ की गलतियों ने आतंकवादियों को बढ़ावा दिया.’’
वीके सिंह ने कहा है, ”कश्मीर मुद्दा सरल नहीं है. यह छद्म युद्ध का मुद्दा है. यह एक समस्या है जो किसी घटना पर आधारित नीति की सफलता या विफलता को नहीं आंकती. मुठभेड़ में एक अधिकारी और तीन जवान शहीद हो गए. इसका मतलब यह नहीं कि स्थिति खराब है.”
2014 तक यूपीए सरकार थी और उसके बाद से मोदी सरकार है. यानी कहीं ना कहीं जनरल वी के सिंह मान रहे हैं कि मोदी सरकार में दक्षिण कश्मीर में हालात पहले से खराब हुए हैं.
दक्षिण कश्मीर में सबसे ज्यादा सक्रिय है जैश
बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के जिस पुलवामा इलाके में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने सीआपीएफ काफिले पर हमला किया था, वह दक्षिण कश्मीर में ही स्थित है. जैश-ए-मोहम्मद दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, अवंतीपुरा और त्राल इलाके में ही सबसे ज्यादा सक्रिय है. मानव बम आदिल भी पुलवामा के काकापुरा इलाके का रहने वाला था. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे.