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यूपी: सपा के इस कद्दावर नेता ने पार्टी से की बगावत, गठबंधन के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने के दिए संकेत

कानपुर/लखनऊ: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व सांसद राकेश सचान ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी है. उन्होंने सपा-बसपा गठबंधन के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने के भी संकेत दिए हैं. इसके लिए राकेश सचान प्रसपा और कांग्रेस पार्टी के संपर्क में हैं. बता दें कि राकेश सचान फतेहपुर लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी पिछले कई वर्षो से कर रहे थे. लोकसभा चुनाव के लिए दिन रात मेहनत करके फतेहपुर में संगठन को मजबूत किया था. लेकिन सपा-बसपा गठबंधन में फतेहपुर लोकसभा सीट बसपा के खाते में जाने से वो नाराज हैं. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ से कोई ठोस अश्वासन नहीं मिलने से नाराज राकेश सचान ने गठबंधन के खिलाफ चुनाव लड़ने का मन बना लिया है.

कानपुर में रहने वाले समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता राकेश सचान 2009 के लोकसभा चुनाव में फतेहपुर से सांसद चुने गए थे. राकेश सचान मुलायम सिंह और शिवपाल के करीबी माने जाते हैं. राकेश सचान की राजनीती में एंट्री शिवपाल सिंह यादव ने कराई थी, वो 1993 और 2002 में घाटमपुर विधानसभा से विधायक रह चुके हैं. शिवपाल सिंह यादव के कहने पर ही राकेश सचान को 2009 में फतेहपुर लोकसभा सीट से कैंडीडेट बनाया गया था. सचान ने बसपा के महेंद्र प्रसाद निषाद को लगभग एक लाख वोटों से हरा कर धमाकेदार जीत दर्ज की थी. इस जीत के बाद वो मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह बेहद करीबी बन गए.

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सपा-बसपा गठबंधन हुआ. जिसमें फतेहपुर लोकसभा सीट बसपा के खाते में चली गई. राकेश सचान का मानना है कि 2014 का लोकसभा चुनाव फतेहपुर में हारने के बाद वो लगातार वहां पर अपनी जमीन मजबूत कर रहे थे. एक-एक बूथ पर जाकर अपनी टीम खड़ी की है इसके लिए दिन रात मेहनत की है और जब चुनाव का वक्त आया तो यह सीट बसपा के खाते में चली गई. इस सम्बन्ध में जब राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात की तो उन्होंने कहा सब ठीक हो जाएगा. कोई अश्वासन नहीं मिलने से नाराज राकेश सचान अब प्रसपा और कांग्रेस पार्टी के संपर्क में हैं.

2014 के लोकसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव में फतेहपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने राकेश सचान को 306270 वोटो से हराया था. राकेश सचान फतेहपुर में तीसरे स्थान पर रहे थे और बसपा के अफजल सिद्दकी दूसरे स्थान पर रहे थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की साध्वी निरंजन ज्योति को 485,994 वोट मिले थे. बसपा के अफजल सिद्दकी को 298,788 वोट मिले थे. सपा के राकेश सचान को 179,724 वोट मिले थे.

अखिलेश यादव ने राकेश सचान को लगाई थी फटकार
2012 के विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता अखिलेश यादव के हाथ में आई. राकेश सचान पर कानपुर और आसपास के जनपदों में जमीन कब्ज़ा करने के कई दर्जन मामले सामने आए थे. लोगों ने इसकी शिकायत तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से की तो अखिलेश यादव ने इसे गंभीरता लिया. इसके बाद उन्होंने राकेश सचान को जमकर फटकार लगाई थी और दायरे में रहने की चेतावनी दी थी.

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