शिखर धवन के आलोचक जब भी उन पर हावी होने लगते हैं तो यह स्टार बल्लेबाज शानदार तरीके से वापसी करता है और उन्होंने कहा कि खराब दौर के दौरान हो रही आलोचना को अधिक तवज्जो नहीं देकर वह मुश्किल समय से उबरने में सफल रहते हैं. पिछले छह महीने से इंटरनेशनल शतक जड़ने में नाकाम रहे धवन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रविवार को यहां चौथे वनडे में करियर की सर्वश्रेष्ठ 143 रन की पारी खेली लेकिन भारत को जीत नहीं दिला पाए.
धवन से जब यह पूछा गया कि आलोचना पर वह क्या प्रतिक्रिया देते हैं तो उन्होंने कहा कि अपनी दुनिया में जीने से उन्हें मानसिक रूप से शांत रहने में मदद मिलती है.
धवन ने भारत की चार विकेट से हार के बाद कहा, ‘‘सबसे पहले तो मैं समाचार पत्र नहीं पढ़ता और मैं ऐसी सूचना नहीं लेता जो मैं लेना नहीं चाहता. इसलिए मुझे नहीं पता होता कि मेरे आसपास क्या हो रहा है और मैं अपनी दुनिया में जीता हूं. इसलिए मैं फैसला करता हूं कि मेरे विचार किस दिशा में जाएंगे.’’ बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तब करता हूं जब धैर्य बरकरार रखता हूं. दुखी और परेशान होने का कोई मतलब नहीं है.’’
Celebrations, Gabbar style 😎😎#INDvAUS pic.twitter.com/v0Lk8zsIb1
— BCCI (@BCCI) March 10, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘जब मुझे पीड़ा महसूस होती है तो मैं तेजी से आगे बढ़ जाता हूं और मुझे नहीं पता होता कि लोग क्या लिख रहे हैं. मैं सुनिश्चित करता हूं कि मैं सकारात्मक रहूं और अपनी प्रक्रिया पर आगे बढ़ता रहूं.’’ इस ‘प्रक्रिया’ के बारे में पूछने पर धवन ने कहा, ‘‘जब मैं स्वयं से बात करता हूं तो मैं यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता हूं मैं नकारात्मक सोच को रोक सकूं.’’