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सस्ते में छूटे धोनी, नहीं तो वर्ल्ड कप में भुगतना पड़ता खामियाजा

महेंद्र सिंह धोनी राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मौजूदा आईपीएल सीजन के 25वें मैच में मैदान के अंदर घुस आए और अंपायरों के साथ उनकी कहासुनी हुई. धोनी आईसीसी की आचार संहिता के उल्लंघन के दोषी पाए गए जिसके बाद उन पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया. महेंद्र सिंह धोनी के इस व्यवहार के बाद पूर्व क्रिकेटरों ने उनकी आलोचना की है. पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर का मानना है कि धोनी अंपायर के साथ हुई अपनी इस बहस के बाद सस्ते में ही छूट गए.

मांजरेकर ने ट्वीट करते हुए कहा, मैं हमेशा धोनी का बड़ा प्रशंसक रहा हूं लेकिन उन्‍होंने सीधे तौर पर लक्ष्‍मण रेखा पार की है. वे खुशकिस्‍मत रहे कि बेहद छोटा जुर्माना देकर बच गए.

आपको बता दें कि आईसीसी की आचार संहिता के तहत अंपायर के फैसले पर असंतोष जताने और उनके साथ बहस करने पर एक टेस्ट या दो वनडे का बैन लग सकता है. धोनी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं तो ऐसे में यह बैन उनके वनडे मैचों पर लागू होता. भारतीय क्रिकेट टीम को आईपीएल के बाद सीधे वर्ल्ड कप में अपने मुकाबले खेलने हैं और धोनी पर बैन उसके लिए बड़ा झटका साबित हो सकता था.

30 मई से शुरू हो रहे वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत को पहला पहला मैच 5 जून को साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलना है. जबकि दूसरे मुकाबले में उसे ऑस्ट्रेलिया से 9 जून को भिड़ना है. आईसीसी अगर धोनी पर दो वनडे मैचों का बैन लगा देना तो साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वह वर्ल्ड कप के बड़े मैच नहीं खेल पाते. जाहिर है गुरुवार रात IPL मुकाबले के दौरान एमएस धोनी का अस्वाभाविक आक्रोश दिखा.

आईसीसी ने धोनी के इस व्यवहार के बाद ट्वीट कर लिखा कि पिछली रात IPL मुकाबले के दौरान एमएस धोनी का अस्वाभाविक आक्रोश दिखा. इसके लिए उनकी मैच फीस का 50% जुर्माना लगाया गया.

पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, ‘मीडिया ने धोनी के मैदान के अंदर आने को अंपायरों के खिलाफ बेहद अपरिपक्व विरोध करार दिया है जिस पर मैं हैरान हूं. मेरे लिए यह अबूझ पहेली है कि खेल पत्रकार गलती करने वाले स्थापित सितारों के खिलाफ ईमानदार अभिव्यक्ति करने से क्यों बचते हैं. यहां तक कि अधिकारियों का भी धोनी के प्रति डरपोक रवैया अपनाकर 50 प्रतिशत जुर्माना लगाना बचकाना है.’

ये था पूरा मामला?

हुआ यूं कि चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच मैच के आखिरी ओवर की तीसरी गेंद पर महेंद्र सिंह धोनी के आउट होने के बाद चेन्नई को जीत के लिए 3 गेंदों में 8 रनों की दरकार थी. धोनी के आउट होने के बाद मिशेल सेंटनर बल्लेबाजी के लिए आए. उस समय राजस्थान रॉयल्स के गेंदबाज बेन स्टोक्स गेंदबाजी कर रहे थे. बेन स्टोक्स ने इस ओवर की चौथी गेंद मिशेल सेंटनर को डाली जिस पर उन्होंने दौड़ कर 2 रन ले लिए.

तभी बेन स्टोक्स की इस गेंद को मैदानी अंपायरों ने पहले तो नोबॉल दिया, लेकिन फिर तुरंत ही वह फैसला वापस भी ले लिया. इस फैसले के बाद धोनी इतने नाराज हो गए कि वह मैदान में घुस आए और बीच मैदान पर अंपायरों के साथ उनकी कहासुनी हुई.

इस गेंद पर बावल इसलिए हुआ क्योंकि चेन्नई का कहना था कि यह गेंद कमर से ऊपर थी इसलिए नो बॉल करार दी जानी चाहिए थी. इसी कारण धोनी भी मैदानी अंपायरों से बहस करने के लिए मैदान पर आ गए. लेकिन अंपायरों ने फैसला नहीं बदला. पांचवीं गेंद पर सैंटनर ने दो रन लिए. आखिरी गेंद पर जीतने के लिए चार रन की जरूरत थी यहां अगली गेंद वाइड हो गई. अब आखिरी गेंद पर तीन रन की दरकार थी सेंटनर ने आखिरी गेंद पर छक्का मार अपनी टीम को जीत दिलाई.

लेकिन इसके बाद मिशेल सेंटनेर ने आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर चेन्नई सुपर किंग्स को राजस्थान रॉयल्स पर चार विकेट से जीत दिलाई. इससे पहले चेन्नई ने एक बार फिर शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन करते हुए रॉयल्स को सात विकेट पर 151 रनों पर रोक दिया. राजस्थान के गेंदबाजों ने चेन्नई को इस लक्ष्य को भी हासिल करने के लिए काफी मेहनत कराई लेकिन चेन्नई ने छह विकेट खोते हुए आखिरी गेंद पर यह लक्ष्य हासिल कर लिया.

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