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प्रशांत किशोर ने पार्टी विलय और नीतीश को पीएम बनाने का रखा था प्रस्ताव- राबड़ी देवी

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी के नेता राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर को लेकर विवादित बयान दिया है. राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर का बिना नाम लिए ‘नाली का कीड़ा’ बताया है. एबीपी न्यूज से खास बातचीत करते हुए राबड़ी देवी ने दोनों नेताओं पर एक के बाद एक कई बड़े हमले किए.

राबड़ी देवी ने कहा कि प्रशांत किशोर एक बार नहीं बल्कि पांच बार मेरे घर पर आरजेडी-जेडीयू के बीच विलय का प्रस्ताव लेकर आए थे और लालू यादव से मिले थे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार फिर से गठबंधन करना चाहते थे लेकिन मैंने मना कर दिया.

राबड़ी देवी ने कहा, ”प्रशांत किशोर चाह रहे थे कि आने वाले चुनाव में हमलोग एक हो जाएं फिर से, अपने पार्टी को उनके साथ मर्जर कर दे, उसके बाद चुनाव में जाएं और प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर नीतीश कुमार के नाम की घोषणा कर दे 2019 के चुनाव के लिए.”

राबड़ी देवी ने प्रशांत किशोर को लेकर क्या कहा?

राबड़ी देवी ने कहा, ”प्रशांत किशोर दोनों पार्टियों के मर्जर का प्रस्ताव लेकर आए थे. वह चाहते थे कि दोनों पार्टियां विलय के बाद लोकसभा चुनाव में उतरे. वह कई बार घर पर मिले हैं और बाहर भी मिले हैं. अंतिम मुलाकात मेरे सामने हुई थी.”

राबड़ी देवी ने कहा, ”मैंने गठबंधन करने से मना किया. मेरी पार्टी को जनता जहां रखेगी वहां रहूंगा लेकिन फिर से नीतीश कुमार के साथ नहीं जाऊंगा. जनता मालिक है.” इस दौरान प्रशांत किशोर को मिले बंगले पर भी उन्होंने सवाल उठाया.

प्रशांत किशोर के बंगले पर उठाया सवाल

राबड़ी देवी ने कहा जब प्रशांत किशोर विधायक भी नहीं है तो उन्हें कैसे बंगला मिला हुआ है. एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान उन्होंने बिहार की नीतीश सरकार पर हमला भी बोला. प्रशांत किशोर के ट्वीट को लेकर उन्होंने कहा कि किसने उन्हें लालू के साथ मिलकर मीडिया के सामने बात करने से रोका है. जाएं, लालू यादव से मिलें और उनसे बात करें. खुलासा करें कि क्या बात हुई है. किसी ने उन्हें रोका है क्या?

राबड़ी देवी पर प्रशांत का पलटवार

इससे पहले प्रशांत किशोर ने राबड़ी देवी पर पलटवार करते हुए कहा था कि लालू जी जब चाहें, मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं, सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बात हुई और किसने किसको क्या ऑफर दिया.’

प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा था, ”सार्वजनिक कार्यालय और धन के दुरुपयोग के आरोपों में दोषी पाए जाने वाले लोग सच्चाई के संरक्षक होने का दावा कर रहे हैं. लालू जी जब चाहें, मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं, सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बात हुई और किसने किसको क्या ऑफर दिया.”

नीतीश कुमार किसी के सगे नहीं

बता दें कि शुक्रवार को राबड़ी देवी कहा था कि प्रशांत किशोर ने लालू यादव से मुलाकात करके कहा था कि दोनों दलों का विलय हो जाना चाहिए. राबड़ी देवी ने यह भी कहा था कि अगर प्रशंत किशोर पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से इस प्रस्ताव को लेकर मुलाकात करने से इंकार करते हैं तो वह सफेद झूठ बोल रहे है.

उन्होंने कहा था, ”नीतीश कुमार माफी और कई तरह की लुभावनी डील के साथ महागठबंधन में आने को गिड़गिड़ा रहे थे. बार-बार उनके कबूतर चिट्ठी लेकर आ रहे थे. एकबार उनके दूत को इस विषय पर बात करने पर मैंने उसे घर से निकाल दिया था. जनता के विश्वास और वोटों का सौदा करने वाले पलटू किसी के भी सगे नहीं है.” बता दें कि बिहार में सभी सात चरणों में मतदान होंगे. पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है. वोटों की गिनती 23 मई को होगी.

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