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जानिए कौन हैं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, जो भोपाल से दिग्विजय सिंह को देंगी टक्कर

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) का सियासी पारा गर्मी के साथ ही लगातार बढ़ता जा रहा है. इन सबके बीच मध्य प्रदेश की चर्चित भोपाल लोकसभा सीट पर बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर मुहर लगा दी है. कांग्रेस ने इस संसदीय सीट पर एमपी के पूर्व सीएम और पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है.

हिंदुत्व का बड़ा चेहरा
हिंदुत्व के चेहरे के रूप में जानी जाने वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का जन्म मध्य प्रदेश के कछवाहाघर में हुआ था. साध्वी प्रज्ञा महाराष्ट्र के मालेगांव बम धमाके में आरोपी बनाए जाने पर सुर्खियों में आई थीं. इस मामले में उनके साथ लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को भी आरोपी बनाया गया था. साध्‍वी प्रज्ञा का नाम आरएसएस नेता सुनील जोशी हत्‍याकांड में भी सामने आया था. हालांकि, इस मामले में उन्हें बरी कर दिया गया था. प्रज्ञा ठाकुर को उनके भड़काऊ भाषणों के लिए भी जाना जाता है.

मालेगांव बम धमाके में हैं आरोपी
29 सितंबर, 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव बम धमाके में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को आरोपी बनाया गया था. इस बम धमाके में 8 लोग मारे गए थे और करीब 90 लोग घायल हुए थे. महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस ने प्रारंभिक जांच के बाद प्रज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद धमाके की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी. एनआईए ने जांच में पाया था कि बम धमाके में उपयोग की गई मोटर साइकिल प्रज्ञा ठाकुर के नाम रजिस्टर्ड थी. एनआईए ने जांच में पाया था कि बम धमाके की साजिश भोपाल में ही रची गई थी. प्रज्ञा ठाकुर करीब 9 वर्षों तक जेल में रही थीं. फिलहाल इस मामले में वह जमानत पर बाहर हैं.

आचार्य महामंडलेश्वर की मिली उपाधि
हिस्ट्री में पोस्ट ग्रैजुएट प्रज्ञा ठाकुर अपने शुरुआती समय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी रहीं. 2007 में उन्होंने संन्यास ले लिया था. उन्हें भारत भक्ति अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर बनाया गया और उन्हें आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी पूर्णचेतनानंद गिरी के नाम से जाना जाता है.

कांग्रेस पर लगाए थे ‘हिंदू आतंकवाद’ का जुमला गढ़ने के आरोप
जेल से बाहर आने के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि उन्हें 23 दिनों तक यातना दी गई थी. साध्वी प्रज्ञा ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम ने ‘हिंदू आतंकवाद’ का जुमला गढ़ा था और भगवा आतंकवाद कांग्रेस का षड्यंत्र था. इसे साबित करने के लिए कहानी रची गई और उन्हें झूठे केस में फंसाया गया.

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