Saturday , April 20 2024

7 साल में बंद हो गईं 5 एयरलाइन कंपनियां, ये रही वजह

नई दिल्‍ली। आर्थिक संकट से गुजर रही एयरलाइन जेट एयरवेज की सभी विमान सेवाएं अस्‍थायी तौर पर बंद हो गई हैं. जेट एयरवेज की बदहाली को देखकर हर किसी को विजय माल्‍या की एयरलाइन किंगफिशर की याद आ रही है.

दरअसल, 7 साल पहले अक्‍टूबर 2012 में कर्ज में डूबी किंगफिशर ने भी विमान सेवाएं बंद कर दी थीं. ऐसे में अब यह कहा जा रहा है कि जेट एयरवेज के हालात भी किंगफिशर जैसी होने वाली है. हालांकि किंगफिशर के अलावा बीते सात सालों में देश की 4 एयरलाइन कंपनियों ने अपना कारोबार समेट लिया है. यानी सिर्फ 7 सात साल में कुल 5 एयरलाइन बंद हो चुके हैं. जबकि बीते दो दशक में करीब 10 से ज्‍यादा एयरलाइन कंप‍नियां बंद हो चुकी हैं. आज हम रिपोर्ट में बीते सात साल में बंद हो चुकी 5 एयरलाइन के बारे में जानकारी देंगे.

किंगफिशर

विजय माल्‍या की किंगफिशर ने अपने कारोबार को 2012 में समेट लिया. बंद होने के करीब 10 साल पहले शुरू हुई किंगफिशर लगातार कर्ज में डूब रही थी. किंगफिशर के मालिक विजय माल्‍या पर बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपये का बकाया है. माल्‍या अभी भगोड़ा घोषित है.

जूम एयर

वैसे तो घरेलू एयरलाइन जूम एयर का अस्तित्‍व 2013 में आया लेकिन 2017 में कंपनी ने पहली उड़ान भरी. जूम एयर ने शुरुआत में दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और हैदराबाद जैसी राजधानियों में शुरुआती तौर पर अपनी सेवाएं देने की बात कही थी. लेकिन कुछ दिनों बाद नागर विमानन नियामक (DGCA) ने जूम एयर को सेफ्टी नियमों के उल्‍लंघन का दोषी पाया.

एयर कार्निवल

CMC ग्रुप की एयरलाइन एयर कार्निवाल की पहली उड़ान 2016 में भरी गई. शुरुआती महीनों में इस एयरलाइन का विस्‍तार दक्षिण भारत में हो रहा था लेकिन  करीब एक साल में इस एयरलाइन पर कर्ज हो गया. साल 2017 में एयरलाइन बंद हो गई.

एयर कोस्टा

रीजनल एयरलाइन कंपनी एयर कोस्टा का विस्‍तार दक्षिण भारत में था. साल 2013 में शुरू हुई यह एयरलाइन भारतीय कारोबारी कंपनी LEPL ग्रुप कंट्रोल में थी. वित्‍तीय संकट में होने की वजह से कंपनी को अपना कारोबार समेटना पड़ा.

एयर पेगसास

बेंगलुरु की एयरलाइन एयर पेगसास ने अप्रैल 2015 में हवाई यात्रा की शुरुआत की और एक साल के भीतर ही कंपनी इस दौड़ से बाहर भी हो गई. यह Decor एविएशन की सब्‍सिडरी कंपनी थी. वित्‍तीय संकट में होने की वजह से एयर पेगसास को कारोबार समेटना पड़ा.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch