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साध्वी प्रज्ञा ने अब दिग्विजय सिंह को बताया ‘महिषासुर’, बोलीं- ‘उनके कुकर्मों का प्रमाण हूं मैं’

नई दिल्ली। मुंबई हमले में शहीद पूर्व ATS चीफ हेमंत करकरे पर विवादित बयान देने के बाद सियासी उठा-पटक अभी थमी भी नहीं थी कि साध्वी प्रज्ञा ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भोपाल लोकसभा सीट पर अपने प्रतिद्वंद्वी दिग्विजय सिंह पर भी विवादित बयान दे डाला है. अपने हालिया बयान में साध्वी प्रज्ञा ने दिग्विजय सिंह को महिषासुर और खुद को महिषासुर मर्दिनी बताया है. जिसके बाद फिर बयानों का दौर शुरू हो गया है. वहीं दिग्विजय सिंह को महिषासुर बताने पर साध्वी प्रज्ञा का कहना है कि ‘जब-जब धरती पर अत्याचार बढ़े हैं, तब-तब देवियों ने रूप लिए हैं. ये शास्त्र में लिखा है. ना हम किसी का नाम लेकर बोल रहे हैं और ना ही खुद को देवी बता रहे हैं. निश्चित रूप से ऐसे लोग कालनेमि है जो समय-समय पर अपना रूप बदलते रहते हैं.’

बता दें भोपाल के बैरसिया में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा था कि ‘भारतीय राजनीति में कोई भी इतना बड़ा त्याग नहीं कर सकता (आलोक संजर को संबोधित करते हुए) कि अपनी सीट किसी और को दे दे. भोपाल लोकसभा सीट से हमारे जीते हुए सांसद ने कहा कि दीदी आप की आवश्यकता है. आपकी जय हो. आप आइये इस महिषासुर का मर्दन करिए. जब देश में कोई भ्रमित और अनाचारी हो जाता है, तब उसका विनाश करने स्वयं महिषासुर मर्दिनी को आना ही पड़ता है. भोपाल में महिषासुर मर्दनी आई है, भगवा वेश धारण कर. इनको इनके ही शब्दों में जबाव देने.’

वहीं हेमंत करकरे के बारे में बयान देने पर एक महिला रिपोर्टर ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से पूछा कि क्या उन्होंने सोच-समझकर यह बयान दिया है. तो साध्वी प्रज्ञा सिंह महिला रिपोर्टर से ही सवाल करने लगीं, और पूछा कि ‘आप लड़की हो, क्या आपको कभी 15-20 पुरूषों ने बेल्ट से मारा है? नंगा करके उल्टा लटकाया है? ये कौन से कानून में आता है. आपको अपने उत्तर मिल जाएंगे. आतंकवादी की गोली से जो मारा जाता है उसे शहीद का दर्जा मिलता है. इसलिए मैने माफी मांग ली, लेकिन क्या अब आप उन लोगों से माफी मंगवा सकते हैं जिन्होंने नौ साल तक मुझे पीड़ित किया.

वहीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि ”1984 दंगों के आरोपी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनकर बैठे हैं. जो सत्य होता है वही उजागर होता है. 1984 का हत्याकांड था और उस हत्याकांड के दोषी यहां मुख्यमंत्री बने हैं. वह किस नैतिकता के आधार पर साध्वी के बारे में कह रहे हैं. साध्वी के अंत की बात ना करें.” वहीं अंदेशा जताते हुए साध्वी ने कहा कि ‘हो सकता है कि मुझे जेल भेज दिया जाए. जिस तरह से एनआईए कोर्ट में याचिका लगाई जा रही हैं, ये षड्यंत्र किया जा रहा है.’

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