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यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद चीफ जस्टिस के समर्थन में उतरा बार काउंसिल

नई दिल्ली। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने शनिवार को सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के ‘झूठे और मनगढ़ंत’ आरोपों की निंदा की। BCI ने कहा कि समूचा बार सीजेआई के साथ और ‘संस्था को धूमिल करने की कोशिश’ के खिलाफ खड़ा है। BCI के चेयरपर्सन मनन मिश्रा ने कहा, ‘ये झूठे और मनगढ़ंत आरोप हैं और हम इस तरह के कृत्यों की निंदा करते हैं। इस तरह के आरोपों और कृत्यों को प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए। यह संस्थान को धूमिल करने का प्रयास है। संपूर्ण बार सीजेआई के साथ एकजुटता से खड़ा है।’

मिश्रा ने कहा कि रविवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की आपातकालीन बैठक बुलाई गई है और उसमें इस सिलसिले में प्रस्ताव पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम प्रस्ताव पास करेंगे और उसके बाद सीजेआई से मिलकर उन्हें BCI के फैसले से अवगत कराने की कोशिश करेंगे।’

दूसरी तरफ, सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन (SCBA) के प्रेजिडेंट और सीनियर ऐडवोकेट राकेश खन्ना ने मामले पर टिप्पणी करने से इनकार किया। खन्ना शनिवार को हुई असाधारण सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद थे। उन्होंने कहा, ‘हम केस का हिस्सा नहीं हैं…कोर्ट के सामने कोई मुकदमा नहीं है। मैं कोई इंटरव्यू (ताजा विवाद पर) नहीं देने जा रहा हूं। शुक्रिया।’

SCBA के पूर्व प्रेजिडेंट और सीनियर ऐडवोकेट विकास सिंह ने आरोपों की स्वतंत्र जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘अगर ये आरोप झूठे हैं तो ये निश्चित तौर पर न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए खतरा है। लेकिन अगर आरोप सही हैं तो यह भी बहुत गंभीर होगा।’

CJI बोले, न्यायपालिका को नहीं बना सकते बलि का बकरा
विशेष सुनवाई की वजह बताते हुए सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, ‘मैंने आज अदालत में बैठने का असामान्य और असाधारण कदम उठाया है क्योंकि चीजें बहुत आगे बढ़ चुकी हैं।…न्यायपालिका को बलि का बकरा नहीं बनाया जा सकता।’

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