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जब फिरोज खान ने पाकिस्तान में जाकर भारत की तारीफ में सुनाए थे किस्से, लग गया था बैन

नई दिल्ली। फिरोज खान. फरदीन खान के पिता. एक डैशिंग एक्टर. जिनके स्टाइल और लुक्स की बॉलीवुड में जबरदस्त चर्चा होती थी. उनकी तुलना हॉलीवुड के मशहूर एक्टर क्लिंट ईस्टवुड से भी होती थी. फिरोज खान की 27 अप्रैल को पुण्यतिथि है. उनका जन्म अफगानिस्तान से विस्थापित होकर आए एक पठान परिवार में 25 सितंबर, 1939 को उनका जन्म हुआ था. उनका खानदान गजनी का रहने वाला था. उनकी मां ईरानी थीं.

फिरोज ने बिशप कॉटन स्कूल से पढ़ाई की. एक्टिंग करने के लिए मुंबई पहुंच गए. पांच साल बाद उन्हें एक हिट फिल्म नसीब हुई. जल्द ही फिरोज को एहसास हो गया था कि फिल्मों में प्रोड्यूसर की अहम भूमिका होती है तो उन्होंने प्रोड्यूसर बनने का फैसला भी किया. 1975 में उन्होंने फिल्म धर्मात्मा में काम किया. इस फिल्म ने फिरोज का बतौर प्रोड्यूसर स्थापित किया. उन्होंने फिल्म में एक्टिंग और डायरेक्शन भी किया. ये पहली ऐसी फिल्म थी, जो पूरी तरह अफगानिस्तान में शूट हुई. इसमें उनके साथ रेखा, हेमा मालिनी, प्रेमनाथ और डैनी थे. फिल्म द गॉडफादर से प्रभावित थी. इसके 5 साल बाद कुर्बानी आई. इसमें जीनत अमान के अलावा विनोद खन्ना भी लीड रोल में थे उनके साथ इस फिल्म ने पाकिस्तानी पॉप सिंगर नाजिया हसन को भी स्थापित कर दिया था.

हालांकि, एक बार वे पड़ोसी देश पहुंचने पर काफी विवादों में भी आ गए थे. पाकिस्तान में वे अपनी फिल्म के प्रचार के लिए पहुंचे थे. फिरोज से भारत में मुसलमानों की खराब हालत को लेकर सवाल किया गया था. फिरोज ने अपने जवाब में कहा था, ‘भारत धर्म निरपेक्ष देश है. हमारे यहां मुसलमान प्रगति कर रहे हैं. हमारे राष्ट्रपति मुस्लिम हैं, प्रधानमंत्री सिख हैं. पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर बना था, लेकिन देखिए यहां उनकी कैसी हालत है. एक-दूसरे को मार रहे हैं.’ उस कार्यक्रम में 1000 के करीब लोग मौजूद थे. ये साल 2006 की बात है. जिस वक्त फिरोज ने ये बातें कहीं, मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री थे. राष्ट्रपति के पद पर एपीजे अब्दुल कलाम थे. रिपोर्ट के अनुसार इस कार्यक्रम के बाद पाकिस्तान में उन पर बैन लगा दिया गया था.

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