ऐसा माना जाता है कि करीब एक से तीन फीसदी आबादी “असेक्सुएल” है, इसका मतलब ये वो लोग हैं जिन्हें दूसरों को देख कर किसी भी प्रकार का कोई यौन आकर्षण महसूस नहीं होता।कई सालों तक स्टेसी को इस बात से हैरानी होती थी कि उन्हें किसी के साथ यौन संबंध बनाने की इच्छा क्यों नहीं हुई। यहां तक कि पति के साथ भी, फिर वो डॉक्टर के पास गईं। उन्होंने इस सच से पर्दा उठाया।स्टेसी ने बीबीसी से हुई बातचीत में अपनी बातें साझा कीं।वाकई मैं लंबे समय तक सोचती रही कि कोई मानसिक या शारीरिक कमजोरी है। मैंने सोचा कि यौन संबंध नहीं बनाने की चाहत सामान्य है।
किसी के प्रति यौन भावना नहीं आती
मेरी दोस्त, ब्वॉयफ्रेंड के विषय में बातें करतीं या उन हस्तियों की जिनके साथ वो हमबिस्तर होना चाहती थीं, जबकि मुझे किसी के विषय में यौन भावना नहीं आती थी।अपनी उम्र के दूसरे दशक के शुरुआती सालों में मुझे यह अहसास होना शुरू हो गया था, लेकिन मैंने इस विषय पर किसी से बात नहीं की क्योंकि मुझे लगा, “वो सोचेंगे कि मैं कितनी अजीब हूं,” इसलिए मैं चुप रही। “असेक्सुएलिटी” का मतलब है जिसमें मुझे किसी के प्रति यौन आकर्षण नहीं हो सकता लेकिन मैं लोगों के प्रति रोमांटिक हो सकती हूं।जब मैं 19 साल की थी तो मुझे ब्वॉयफ्रेंड मिला जो आज मेरे पति हैं, और तब मुझे “असेक्सुएलिटी” की जानकारी नहीं थी, फिर तो मुझे लगा कि कहीं मैं झक्की तो नहीं हूं।
मैं पति के साथ भी सोना नहीं चाहती
मैं पति के साथ भी सोना नहीं चाहती
मैं सोचती थी, “मैं इस आदमी से बहुत प्यार करती हूं, और अगर इसने मुझसे शादी की इच्छा जताई तो 100 फीसदी हां कहूंगी, क्योंकि मैं अपनी बाकी की जिंदगी उसके साथ गुजारना चाहती हूं, लेकिन मैं उसके साथ सोना क्यूं नहीं चाहती हूं? “मैं और मेरे पति, एक दूसरे को जानने के लिए साथ घूमने निकले। उन्होंने कहा, “मैं तुमसे प्यार करता हूं। मैं तब तक इंतजार कर सकता हूं जब तक ऐसा हो नहीं जाता।”उन्होंने बहुत साथ दिया और कभी भी मेरे ऐसा साथ कुछ भी नहीं किया जिसमें मैं असहज थी। सामाजिक मानदंडों के अनुसार सेक्स और बच्चे रिश्ते को आगे बढ़ाने में सहायक होते हैं और मेरे सभी साथी शादी और बच्चों के साथ आगे निकल गए। मैंने सोचा, “हे भगवान, मुझे अपने पति के साथ बच्चे पैदा करने होंगे।”
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