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सरल, सफल, शालीन सबकी शीला अपने अनन्त यात्रा पर

नई दिल्ली। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) का शनिवार दोपहर को दिल्ली में निधन हो गया. वह 81 वर्ष की थीं और लंबे समय से बीमार चल रही थीं. दिल्‍ली की पूर्व मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित का अंतिम संस्‍कार आज (21 जुलाई) दोपहर 2:30 बजे दिल्‍ली के निगमबोध घाट पर किया जाएगा. इससे पहले उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए दोपहर 12 से 1 बजे तक कांग्रेस मुख्‍यालय में रखा जाएगा. सरकार की ओर से दिल्‍ली में 2 दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया है.

बीमार चल रहीं शीला दीक्षित को शनिवार सुबह दिल्ली के एस्कार्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्‍पताल की ओर से कहा गया है कि शीला दीक्षित को दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल लाया गया था. हालत सुधरने के बाद फिर से दिल का दौरा पड़ा. शाम को 3:55 बजे उनका निधन हो गया. शीला दीक्ष‍ित की पार्थ‍िव देह के अंतिम दर्शन करने के लिए शनिवार को निजामुद्दीन स्थित उनके आवास पर पीएम मोदी और सोनिया गांधी भी पहुंची थीं. द‍िल्‍ली कांग्रेस और बीजेपी के सभी बड़े नेता उनके घर पर पहुंचे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में राष्ट्रीय राजधानी का कायापलट कर दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें दिल्ली के विकास में उल्लेखनीय योगदान का श्रेय भी दिया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि दीक्षित का शहर के विकास में योगदान को हमेशा याद किया जाएगा.

शीला दीक्षित का सफर: 

1. शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को हुआ था.

3. शीला दीक्षित लोकसभा चुनाव 2019 में दिल्ली के उत्तर पूर्वी सीट से चुनाव लड़ा था. हालांकि, इस सीट पर बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने उन्हें शिकस्त दी थी.

4. शीला दीक्षित के राजनीतिक सफर की बात करें तो वह 1984 से 89 तक वे कन्नौज (उप्र) से सांसद रहीं.

1984 में पहली बार सांसद बनी थीं शीला दीक्षित. फाइल फोटो

6. शीला दीक्षित राजीव गांधी सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं.

7. शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार 3 बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. इसके बाद वह 2014 में केरल की राज्यपाल भी रहीं.

9. उनकी शादी यूपी के उन्नाव के आईएएस अधिकारी स्वर्गीय विनोद दीक्षित से हुई थी. बता दें कि विनोद दीक्षित बंगाल के पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस के बड़े नेता स्वर्गीय उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे. शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित भी दिल्ली के पूर्व सांसद रहे हैं.

10. दिल्ली की 3 बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित को राजीव गांधी के बाद सोनिया गांधी ने खासा महत्व दिया था.

12. 1998 में ही लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में पूर्वी दिल्ली से चुनावी रण में उतरीं पर हार गईं थीं. लेकिन फिर उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाते हुए लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं.

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