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दिल्ली की राजनीति को लगा और झटका, बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मांगे राम का निधन

नई दिल्ली। शनिवार को दिल्ली की तीन बार की मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित के निधन के बाद रविवार को दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष, विधायक और वरिष्ठ संघ सहयोगी मांगे राम गर्ग का निधन हो गया. वो बीमार थे और उत्तरी दिल्ली के एक्शन बालाजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. रविवार की सुबह 7.30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली.

अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान (बी-1/64, अशोक विहार, फेज-2) पर रखा गया है. यहां 11.30 बजे तक उनके पार्थिव शरीर को रखा जाएगा. इसके बाद 12:00 से 1:00 बजे तक दिल्ली स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय पर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी. मांगे राम गर्ग ने अपने शरीर को दान करने का संकल्प लिया था. भाजपा प्रदेश कार्यालय से उनका पार्थिव शरीर देह दान के लिए 1:00 बजे हॉस्पिटल के लिए ले जाया जाएगा.

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लोकसभा चुनाव में मिली थी जिम्मेदारी

लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की चुनावी रणनीति बनाने व चुनाव प्रचार को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली भाजपा के नेताओं को अहम जिम्मेदारी सौंपी थी. जिम्मेदारी पाने वाले नेताओं में मांगे राम गर्ग का नाम भी शामिल था.

किसी समय में हलवाई रहे मांगे राम ने 2003 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार जीत दर्ज की थी और विधायक बने थे. लोकसभा चुनाव 2019 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी को मजबूत करने के लिए मांगे राम गर्ग को अहम जिम्मेदारी दी गई थी. उन्हें सामाजिक व स्वयंसेवी संगठनों से संपर्क करके उन तक नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां व पार्टी की नीतियों को पहुंचाने के लिए बनाई गई समिति में शामिल किया गया था.

डायरी लिखने के शौकीन थे गर्ग

मांगे राम गर्ग उन नेताओं में से थे जिन्होंने देर से राजनीति में कदम रखा. वो भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष रहे. उन्हें डायरी लिखने का शौक था. विधायक रहते हुए वो रोज डायरी लिखा करते थे. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक वो अपनी राजनीतिक बैठकों के बारे में भी लिखा करते थे. जैसे..’आज मैं करोल बाग के पार्टी कार्यकर्ताओं से मिला, मिनी-रथ यात्रा शुरू की, जो विफल रही हैं और स्थानीय पार्टी में हर वरिष्ठ सदस्य को हाशिए पर डाल दिया है.’

बताया जाता है कि मांगे राम गर्ग में चुनाव जीतने की अद्भुत कला थी. वो राजनीतिक जीवन में बहुत कम गलतियां करते थे. उन्होंने दिल्ली में एमसीडी चुनाव का नेतृत्व किया था और जीत भी दिलाई थी.

 

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