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सिर्फ मुंब्रेश्‍वर मंदिर के महाप्रसाद ही नहीं, मुंबई की झीलों में भी जहर मिलाने की थी साजिश

मुंबई। एटीएस द्वारा पकड़े गए 10 आईएसआईएस संदिग्‍धों से पूछताछ में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. पहले इन लोगों से बताया था कि ये सभी महाराष्‍ट्र के मुंब्रेश्‍वर मंदिर के महाप्रसाद में जहर मिलाकर सीरिया भागने की फिराक में थे. लेकिन अब इनकी ओर से एक और बड़ा कुबूलनामा हुआ है. उनके अनुसार वे सिर्फ महाप्रसाद में ही जहर नहीं मिलाना चाहते थे, बल्कि उनका प्‍लान मुंबई शहर की उन झीलों में भी जहर मिलाने का था, जिनसे मुंबई के घरों को पीने के पानी की सप्‍लाई होती है.

एटीएस द्वारा दर्ज की गई चार्जशीट के मुताबिक, आईएसआईएस समर्थक तल्हा पोट्रिक नाम के आरोपी ने नरसंहार को अंजाम देने के लिए मुंब्रा इलाके में ही महाप्रसाद में जहर मिलाने की साजिश रची. चूंकि बाजार से जहर हासिल करना बेहद मुश्किल था. ऐसे में तल्हा को एक शख्स की तलाश थी, जिसे केमिकल के बारे में अच्छी जानकारी हो. उसकी तलाश पूरी हुई और उसने मुंब्रा के ही रहने वाले 32 वर्षीय अबु किताल उर्फ जम्मान नवाब खुटेउपाड़ को अपनी टीम का सबसे खास सदस्य चुना. पेशे से फार्मसिस्ट होने की वजह से अबु किताल के लिए लोकल बाजार से खतरनाक केमिकल हासिल करना बेहद आसान था.

सिर्फ महाप्रसाद ही नहीं, इनके प्लान में मुंबई को पानी सप्लाई करने वाली झीलों में भी केमिकल घोलने की साजिश शामिल थी ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को नुकसान पहुंचाया जा सके. इसके लिए इन आरोपियों ने कुछ झीलों की रेकी भी की थी. उन्होंने सेफ्टी के तौर पर सारा जहर का सामान एक जगह नहीं रखा था. तीन अलग-अलग आरोपियों के यहां स्टोर किया गया था. जहर बनाने का काम सलमान के घर पर अबू कतील  यानी सलमान करता था.

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