लखनऊ। यूपी बीजेपी के नवनियुक्त अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकाल दिया गया है, हालांकि मुझे इस निष्कासन की जानकारी नहीं थी, मैं कानपुर में था, लेकिन आज (गुरुवार) ये फैसला केन्द्रीय नेतृत्व ने किया है, हालांकि उन्होने ये भी केहा कि आप प्रदेश की योगी सरकार पर उंगली नहीं उठा सकते, क्योंकि हम पूरी तरह से पीड़िता के साथ खड़े हैं।
जानकारी नहीं थी
बीजेपी से निष्कासन की अवधि 6 साल की होती है, आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर को पार्टी से कितने दिनों के लिये निकाला गया है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। आपको बता दें कि बांगरमऊ विधायक को बीजेपी से निकाले जाने को लेकर काफी समय से सस्पेंस बना हुआ है, गुरुवार दोपहर को भी दावा किया गया, कि उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, हालांकि स्वतंत्र देव सिंह शाम तक कह रहे थे कि वो सस्पेंड हैं, बाद में उन्होने सफाई देते हुए कहा कि हाईकमान ने एक्शन लिया था, उन्हें जानकारी नहीं थी, अब वो पार्टी में नहीं हैं।
2018 में निलंबित
इससे पहले कानपुर में जब स्वतंत्र देव सिंह से कुलदीप सिंह सेंगर को लेकर बीजेपी से बाहर किये जाने को सवाल पूछा गया, तो उनका जबाव था कि कुलदीप को पार्टी ने 2018 में ही निलंबित कर दिया था, इसके बाद से बांगरमऊ विधायक को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई थी, अब स्वतंत्र देव के बयान से साफ हो गया कि पहले उन्हें सस्पेंड किया गया था, अब पार्टी से निकाल दिया गया है।
कौन हैं कुलदीप सिंह सेंगर
आपको बता दें कि मूल रुप से फतेहपुर के रहने वाले कुलदीप सिंह सेंगर का माखी गांव में तूती बोलता है, उन्नाव के माखी थाना क्षेत्र के सराय थोक में उनका ननिहाल है, उनका परिवार वहीं बस गया था, सेंगर ने यूथ कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत की थी, वो उन्नाव के अलग-अलग विधानसभा सीटों के लगातार 4 बार विधायक रहे हैं, 2002 में भगवंतनगर सीट से बसपा के टिकट पर पहली बार विधायक बने थे, फिर 2007 और 2012 में सपा के टिकट पर विधायक बने, 2017 में उन्होने बांगरमऊ सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।