क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) ने रवि शास्त्री को फिर से टीम इंडिया का हेड कोच नियुक्त कर दिया. 57 साल के रवि शास्त्री टी-20 वर्ल्ड कप 2021 तक टीम इंडिया के हेड कोच बने रहेंगे. टीम इंडिया के मुख्य कोच के लिए 6 नामों को शॉर्टलिस्ट किया गया था, जिसमें मौजूदा कोच रवि शास्त्री भी शामिल थे.
रवि शास्त्री के अलावा दो और भारतीय कोच (पूर्व क्रिकेटर लालचंद राजपूत और रॉबिन सिंह) भी शॉर्ट लिस्ट किए गए थे. आखिरकार कपिल देव के नेतृत्व वाली सीएसी की पहली पसंद रवि शास्त्री बने. इस समिति में अंशुमान गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी भी शामिल थी. रवि शास्त्री का फिर से टीम इंडिया का हेड कोच बनना फैंस को जरा भी पसंद नहीं आया और उन्होंने ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर की है.
Now India should mentally prepared for T20 WC defeat, then 2023 WC defeat as well.. All the best @BCCI #TeamIndiaCoach
Ravi Shastri will gain weight, Kohli will gain centuries while India won’t win any trophies that matter.
It is same as sonia gandhi appointed as president of congress
Rahul Dravid is shaping and nurturing cricketing talents whereas #RaviShastri is making money out of those talents. #TeamIndiaCoachpic.twitter.com/9xjIoOT1x4
BCCI is now turning as Congress… Only create dramma and select biggest intelligent Ravi Shastri… Why these huys wasted others applicant time and efforts… Is Kapil dev team and tem was boring and want to chill out by this way..
To..itna drama karne ki Kya zarurat thi. Simply extend Kar dena tha contract why this nonsense.? There’s no difference between you and congi’s.
हालांकि क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) के प्रमुख कपिल देव ने कहा कि रवि शास्त्री का टीम इंडिया का हेड कोच बनने के पीछे विराट कोहली की पसंद का कोई लेना देना नहीं है. कपिल देव ने कहा, ‘सभी उम्मीदवारो में रवि शास्त्री का रिकॉर्ड शानदार था. उनके कोच रहते हुए भारतीय टीम टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक स्थान पर पहुंची और उसने 71 वर्षों में पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर हराया.’
वैसे शास्त्री की अगुवाई में हालांकि भारत आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाया तथा उसे 2015 और 2019 के वर्ल्ड कप में निराशा हाथ लगी. कपिल देव की अगुवाई वाली समिति को हालांकि यह बड़ा कारण नहीं लगा. क्रिकेट सलाहकार समिति में शांता रंगास्वामी और अंशुमन गायकवाड़ भी शामिल थे.