नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर को लेकर आज गृह मंत्रालय की एक उच्चस्तरीय बैठक होने जा रही है. ऐसा बताया जा रहा है कि गृह सचिव की अध्यक्षता में होने वाली इस हाईलेवल मीटिंग में भारत सरकार के सचिव स्तर के अधिकारी शामिल होंगे. ऐसा बताया जा रहा है कि बैठक में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 के कार्यान्वयन पर चर्चा होगी जिसमें अतिरिक्त सचिव (जम्मू-कश्मीर) भी शामिल होंगे.
वहीं जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से सियासी बयान रस्साकशी का दौर लगातार जारी है. जम्मू कश्मीर के
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सोमवार को कांग्रेस नेता
राहुल गांधी को उनके कश्मीर दौरे को लेकर करारा जवाब दिया है. सत्यपाल मलिक ने कहा है कि राहुल गांधी ने कश्मीर आने को लेकर शर्तें रखी थी. जिन्हें खारिज कर दिया था. राहुल गांधी के कश्मीर दौरे के न्योते पर गवर्नर ने कहा, ‘राहुल गांधी ने मेरे इनविटेशन को खत्म न होने वाला बिज़नेस कर लिया है, मैंने उन्हें कश्मीर आने के लिए कहा था लेकिन 5 दिन तक को जवाब नहीं आया, ये रिकॉर्ड पर है. बाद में उन्होंने कहा कि लोगों को लेकर जाऊंगा, कैदियों से मिलूंगा, फौज से मिलूंगा. बाद में मैने उसको (न्योते) वापस कर लिया और कहा कि शर्तें स्वीकार नहीं है, फिर मैंने कहा कि फैसला प्रशासन पर छोड़ता हूं.’
गवर्नर ने आगे कहा, ‘इसके बाद प्रशासन ने पहले ही साफ कर दिया है कि उनके आने से शांति में खलल पड़ेगा, ऐसे वक्त में आपका आना सही नहीं होगा. और आपके कथन को पाकिस्तान इस्तेमाल करेगा और वही हुआ. ये राष्ट्रहित का मामला है. इसमें ये सब नहीं करना चाहिए. बल्कि आपको हमारी मदद करनी चाहिए.’
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को भी मलिक ने करारा जवाब दिया है. अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि सत्यपाल मलिक को जम्मू कश्मीर बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बना देना चाहिए. क्योंकि वह बीजेपी की भाषा बोलते हैं. इसका जवाब देेते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘मैं उनकी जानकारी पर क्या कमेंट करूं, मैं निष्ठा पूर्वक काम कर रहा हूं, मुझे ऐसे इल्जामों से कोई फर्क नहीं पड़ता है’ राज्यपाल मलिक ने आगे कहा, ‘अधीर रंजन चौधरी ने जो संसद में बोला है उसने उनकी अपनी पार्टी को कब्र में लिटा दिया है.आगे जब भी चुनाव होगा उनको जरूर कोट (कश्मीर का मामला यूएन का है) किया जाएगा.’
कश्मीर के ताजा हालात पर सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘आज से पहले जब भी ऐसा क्राइसिस हुआ है तब 15 दिन में 100 लोग तक मर जाते थे. हमारा जोर है कि एक भी जान नहीं जानी चाहिए, हम जल्दी करने के पक्ष में नहीं है, कश्मीरियों की जान अनमोल है. ‘
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